उत्तराखंड : वीर फौजी इस दुनिया में नहीं रहा, दूसरे फौजियों को जीवन देकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर गया
वो इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन उसकी आंखें फिर भी दुनिया देख सकेंगी। जब वो जिंदा था तो उसने फौज में रहकर देशवासियों के जीवन सुरक्षित किए और अब जब उसकी मौत हो गई तो भी वह कई लोगों के जीवन सुरक्षित करके चला गया। किसी ने सच ही कहा है कि वीर ही वसुंधरा का उपभोग करते हैं और ये फौजी भी खुद दुनिया से चला गया, लेकिन उसके शरीर के कई हिस्से अभी भी दुश्मन को धूल चटाने में मदद करेंगे।
दरअसल शुक्रवार को देहरादून के मिलिट्री हॉस्पिटल में एक भूतपूर्व फौजी को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित किया, इस भूतपूर्व फौजी ने अपने अंगों को दान करने की घोषणा कर रखी थी ।
भूतपूर्व फौजी की मौत के बाद देहरादून के मिलिट्री अस्पताल ने दिल्ली के आरआर अस्पताल को सूचित किया, जिसके बाद आरआर अस्पताल की एक टीम वायुसेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंची, देहरादून मिलिट्री हॉस्पिटल से जौली ग्रांट हवाई अड्डे तक सेना और उत्तराखंड पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसके बाद सिर्फ 85 मिनट में फौजी के अंग जिसमें किडनी, लीवर और आंखें शामिल थीं, सेना के आर आर अस्पताल दिल्ली पहुचाई गई। इसके बाद सेना अस्पताल में भर्ती बीमार और घायल सैनिकों को ये अंग लगा दिये गये, जिनको इनकी सख्त जरूरत थी ।
ऐसे हालात में ग्रीन कॉरिडोर काफी महत्वपूर्ण होता है, इसके तहत सेना, उत्तराखंड पुलिस और ट्रैफिक पुलिस ने देहरादून सैनिक अस्पताल से हवाई अड्डे तक सड़क को ट्रैफिक मुक्त किया, जिससे जल्द से जल्द ये दिल्ली पहुंच सके। दरअसल मृत्यु के 24 घंटे के अंदर ही किसी व्यक्ति के अंंग दूसरे व्यक्ति को लगाए जा सकते हैं ।
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Mirror News