गरीब बच्ची को प्रिंसिपल ले आई अपने घर में पढ़ाने को, लेकिन फिर जो किया वो हैरान कर देगा
अध्यापकों का काम होता है बच्चों में शिक्षा की अलख जगाना, उन्हें पढ़ा-लिखाकर इस लायक बनाना कि वो दुनिया में संघर्ष कर सकें और दुनिया के लिए कुछ कर सकें । लेकिन देहरादून के केन्द्रीय विध्यालय ओएनजीसी की प्रिंसिपल पर जो आरोप लग रहे हैं वो आपको शर्मशार कर देंगे । 2018 में केन्द्रीय विध्यालय ओनजीसी की प्रिंसिपल चमोली से एक गरीब परिवार की 15 साल की लड़की को अपने साथ ले आयी और उस लड़की के परिवार को इस प्रिंसिपल ने भरोसा दिलाया कि वो बच्ची को अपने घर में रखकर पढ़ाएंगी और उसका पालन पोषण करेंगी, लेकिन उसके बाद जो हुआ वो आपको हैरान कर देगा ।
करीब तीन महीने पहले ये लड़की किसी तरह प्रिंसिपल के घर से भाग निकली और उसने अपने परिजनों को बताया कि उसका न तो किसी स्कूल में एडमिशन कराया गया, न ही उससे कोई पढ़ाई-लिखाई की बात की गयी, बल्कि उससे घर के काम करवाये गये । बच्ची ने आरोप लगवाये हैं कि उसको घर पर प्रताड़ित किया जाता था, और बाल संरक्षण आयोग में इसकी शिकायत की गयी, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत चमोली एसपी से की, जिसने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की और मामले को देहरादून एसपी को सौंप दिया । जब देहरादून पुलिस ने भी इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की तो तब परिजन इस मामले को बाल संरक्षण आयोग के पास लेकर आए । बाल संरक्षण आयोग ने इस मामले पर अब उत्तराखंड पुलिस से कार्रवाई करने को कहा है और वहीं आरोपी प्रिंसिपल को भी सम्मन जारी किया गया है ।
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