परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा, पाकिस्तान की विशेष अदालत का फैसला
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को यहां की एक विशेष अदालत ने संविधान बदलने के लिए देशद्रोह के मामले में मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। वह पहले ऐसे सैन्य शासक हैं जिन्हें देश के अब तक के इतिहास में मौत की सजा सुनाई गई है। पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को लंबे समय से चल रहे देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी सैन्य प्रमुख को देशद्रोही करार देकर मौत की सजा सुनाई गई है। देशद्रोह के मामले में उन्हें दोषी ठहराना उस देश के लिए महत्वपूर्ण क्षण है जहां स्वतंत्र इतिहास में अधिकतर समय तक शक्तिशाली सेना काबिज रही है।
मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 1999 में रक्तहीन तख्ता पलट में सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था। वह 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी रहे। यह मामला 2007 में संविधान को निलंबित करने और देश में आपातकाल लगाने का है जो दंडनीय अपराध है और इस मामले में उनके खिलाफ 2014 में आरोप तय किए गए थे। अदालत के दो न्यायाधीशों ने मौत की सजा सुनाई जबकि एक अन्य न्यायाधीश की राय अलग थी। इसके ब्योरे अगले 48 घंटों में सुनाए जाएंगे। फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत ने अभियोजकों की एक याचिका खारिज कर दी जिसमें फैसले को टालने की मांग की गई थी। पूर्व सैन्य प्रमुख मार्च 2016 में इलाज के लिए दुबई गए थे और सुरक्षा एवं सेहत का हवाला देकर तब से वापस नहीं लौटे हैं। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें….Mirror Uttarakhand News
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