गांव सड़क से काफी दूर, संसाधनों की कमी के बावजूद पिंडर घाटी का नाम रोशन किया वीरेंद्र ने
हौसलों में अगर जान हो तो, संसाधनो की कमी कभी भी आड़े नहीं आती है। और सपनों को पंख लग जाते हैं…
जी हाँ ये कहावत चरितार्थ कर दिखाई सीमांत जनपद चमोली के सदूरवर्ती ब्लाक देवाल की पिंडर घाटी के अति दूरस्थ गाँव धार कुंवारपाटा के वीरेंद्र सिंह कुंवर नें। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में अध्ययनरत और अलकनंदा छात्रावास के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र कुंवर ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठवें (6) दीक्षांत समारोह में सैन्य विज्ञान में गोल्ड मेडल हासिल किया। वीरेंद्र कुंवर ने सैन्य विज्ञान में 75% अंक प्राप्त कर विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान हासिल किया।
आपको बताते चलें की वीरेंद्र सिंह कुंवर का गाँव अभी भी सड़क से 6 किमी दूर है। गाँव के लोग 6 किमी पैदल सफर कर गाँव पहुंचते हैं और अपनी जरूरतमंद वस्तुओं को पीठ में लादकर ले जाते हैं।
वीरेंद्र के गोल्ड मेडल जीतने पर पूरी पिंडर घाटी और देवाल ब्लॉक में लोग बेहद खुश हैं। वीरेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरूजनो को भी दिया। आशा और उम्मीद की जानी चाहिए की वीरेंद्र आने वाले दिनों मे बुलंदियों के पहाड़ तक पहुँचें ।
sanjay Chauhan ( Journalist )
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