शीला दीक्षित ने माना, आतंकवाद के खिलाफ मोदी की तरह करारा जवाब नहीं दे पाए थे मनमोहन
शीला दीक्षित का ये बयान कांग्रेस के अंदर भूचाल ला सकता है, जिसकी वजह से पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। गुरुवार को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में शीला दीक्षित ने स्वीकार किया कि 26 नंवबर को आंतकी हमले के बाद मनमोहन सरकार ने उतने प्रभावी कदम नहीं उठाए थे, जितने की मोदी सरकार ने पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सैनिकों के शहीद होने के बाद आंतकियों के खिलाफ उठाए हैं। हालांकि, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई राजनीति से ज्यादा प्रेरित है।
शीला दीक्षित ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘देखिए, मैं इस बात से सहमत हूं कि मनमोहन सिंह उतने सख्त नहीं थे, जितने वह (मोदी) हैं। लेकिन मुझे लगता है कि वह ये सब राजनीति से प्रेरित होकर कर रहा हैं।’ ये बात उन्होंने भारतीय वायुसेना के द्वारा पुलवामा आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के बालाकोट स्थित कैंपों पर की गई एयर स्ट्राइक के सवाल पर कही। बता दें कि भारतीय वायुसेना की इस एयर स्ट्राइक में लगभग 250 आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के इस बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा कि शीला जी का ये बयान वाक़ई चौंकाने वाला है। भाजपा और कांग्रेस में कुछ तो खिचड़ी पक रही है। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर कहा कि हम तो पहले से ही कह रहे थे कि इस बार कांग्रेस, मोदी जी को दोबारा पीएम बनाने पर काम कर रही है…।वहीं, बयान पर बवाल होने के बाद शीला दीक्षित ने सफाई भी दी है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे बयान को किसी दूसरी तरह पेश किया जा रहा है तो मैं कुछ नहीं कह सकती।