अपराध और हत्या इनकी परंपरा है, ऐसे गिरोह से राज्य को बचाने के लिए उत्तराखंड पुलिस सक्रिय
हमारे देश में कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जिनका खानदानी पेशा अपराध करना खासकर डकैती डालना होता है, ये गिरोह काफी शातिर होते हैं, इस गिरोह के बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे दिन के समय किसी खास इलाके की रेकी करते हैं, भीख मांगने या फेरी वालों के काम के पीछे छिपकर ये लोग उन घरों का पता लगाते हैं जहां ये वारदात कर सकते हैं । उसके बाद रात के वक्त इस गिरोह के जवान लोग उस घर में घुसकर डकैती करते हैं, लाठी-डंडों से ये परिवार के सदस्यों को घायल और अधमरा भी कर देते हैं । कुछ गिरोहों की तो खानदानी परंपरा भी है कि ये वारदात के बाद उस परिवार के किसी एक शख्स की हत्या कर देते हैं ।
ऐसे ही गिरोह हैं छैमार, बावरिया और पादरी गिरोह । उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में पिछले कुछ सालों में कई वारदात हुई हैं जिसमें ये गिरोह सक्रिय रहे हैं । खासकर रुद्रपुर, हरिद्वार, काशीपुर, हल्द्वानी और रिशिकेष में पूर्व में छैमार गिरोह ने कई वारदात की हैं, रामपुर के बेड़ापोखरा का राधा हत्याकांड हो या रुद्रपुर में हत्या कर डकैती का मामला हो , इसमें छैमारों का नाम उभरा था । छैमार मूल रूप से उत्तरप्रदेश के बहराइच और संभल के रहने वाले हैं, पर ये अपने गांव कभी नहीं जाते और देश भर में बड़े शहरों के बाहरी इलाकों में अपने डेरे और टेंट बनाकर रहते हैं और वारदात कर दूसरे शहरों में चले जाते हैं । इसको देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने सभी जिलों में ऐसे डेरों पर नजर रखने की हिदायत दी है, खासकर उधमसिंहनगर और नैनीताल पुलिस को विशेष सावधान रहने को कहा गया है । अपने इलाकों में तो राज्य पुलिस घुमंतु गिरोहों के अड्डों की सूचि बना ही रही है वहीं राज्य से बाहर राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और यूपी जैसी जगहों पर भी इनके अड्डों की रेकी के लिए पुलिस टीम भेजी जा रही है । आपको भी इन गिरोहों से सतर्क रहने की जरूरत है, दिन में घूमने वाले इनके सदस्यों पर खासी नजर रखें और रात में अपने घरों को अंदर से अच्छी तरह लॉक रखें, सीसीटीवी कैमरे घर के आस-पास जरूर लगाएं, अपने आस-पास के घरों के साथ मिलकर सायरन और गार्ड का इंतजाम करें ।
Mirror News
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