तीन राज्यों में चुनावी हार से चिंतित मोदी सरकार जल्द ही ले सकती है ये बड़ा फैसला
विधानसभा चुनाव खासकर हिंदी पट्टी में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता चिंता में हैं. एनडीए सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि 2019 आम चुनाव में अपनी स्थिति कैसे मजबूत करे. किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए ऐसा क्या करे, कि उसका छिंटका हुआ वोट फिर से हासिल हो सके।
समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक मोदी सरकार किसानों को लुभाने के लिए कर्जमाफी का ऐलान कर सकती है. वैसे सरकार के मंत्री समय-समय पर यह कहते रहे हैं कि कर्जमाफी से किसानों का भला नहीं होता है उनकी मूल समस्याएं कैसे दूर हों और खेती के लिए ढांचागत सुधार हो सके, इस पर काम करने की आवश्यकता है. लेकिन जब कोई भी सरकार चुनाव ही हार जाएगी, तो उस ढांचागत सुधार का मतलब क्या होगा!
संभवतः इसका अंदाजा सरकार को भी है. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कर्जमाफी का ऐलान कर दोबारा से सत्ता में वापसी की थी. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार उसी फॉर्मूले पर विचार कर सकती है. माना जा रहा है कि यूपी में भी मोदी सरकार को यह फॉर्मूला फायदा दिला गया था. आपको याद होगा कि चुनाव के ठीक पहले राहुल गांधी ने किसान यात्रा की शुरुआत की थी. उसके बाद मोदी ने कर्जमाफी का ऐलान कर दिया था! यूपी चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली. यह फैक्टर कितना बड़ा रहा, ये विश्लेषण का मुद्दा है.
योगी कैबिनेट ने पहली कैबिनेट बैठक में इसका निर्णय लिया था!
इसके बाद जहां-जहां चुनाव हुए, राहुल गांधी ने कर्जमाफी को जोर-शोर से उठाया. बार-बार यह कहते रहे कि उनकी सरकार आएगी, तो 10 दिनों में किसानों को कर्जमाफी दे दी जाएगी. कर्नाटक और पंजाब इसका उदाहरण हैंं! यह राजनीति है और कोई भी दल राजनीति करने से पीछे नहीं हटेगा. लेकिन आर्थिक विशेषज्ञ इस कदम को सही नहीं मानते हैं। इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा सभी प्रदेशों के बीजेपी अध्यक्ष को दिल्ली बुलाया गया है, माना जा रहा है कि इन बैठकों में मोदी और शाह बूथ स्तर पर चुनावी हार की समीक्षा कर रहे हैं और उसके बाद हो सकता है कि कर्ज माफी और कुछ दूसरे बड़े कदम मोदी सरकार की ओर से दिखाई देंं।
Mirror News
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