हर साल की तरह इस साल भी धधक रहे हैं उत्तराखंड में जंगल, बेबस है सरकार
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखण्ड के कई जंगली इलाके आग में झुलस रहे हैं। इससे पहले मौसम के करवट बदलने से राज्य के जंगलों में आग लगने की खबरों में कमी आई थी। लेकिन अब वन विभाग के तमाम दावों, प्रयासों के बावजूद उत्तराखंड में जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। इससे बड़े पैमाने पर बहुमूल्य वन संपदा तो नष्ट हो ही रही है,साथ ही वन्य जीव जंतुओं के बीच भी हाहाकार मचा हुआ है। पूरे प्रदेश में अभी तक अग्नि दुर्घटना की 653 घटनाएं हो चुकी हैं, इससे एक हज़ार 98 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा बुरी तरह प्रभावित हुई है।वन विभाग के मुताबिक आग उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, उत्तरकाशी और पौड़ी के जंगलों में लगी हुई हैं।पौड़ी जिले में 17 स्थानों पर आग लगी हुई है, बागेश्वर जनपद में 11 स्थानों पर तो अल्मोड़ा में भी ग्यारह जगह जंगल जल रहे हैं। टिहरी गढ़वाल में इस समय चार स्थानों पर गढ़वाल वन प्रभाग में 11 स्थानों पर जंगल दावानल की जद में हैं। उत्तरकाशी में सात स्थानों पर आग लगी हुई है। जंगलों आग लगने से अभी तक प्रदेश को बीस लाख रुपये का नुक़सान हो चुका है। आग लगने के पीछे की वजह लोगों की लापरवाही कारण बताया जा रहा है जो आग की तीलियां जलाकर जंगल में जहां-तहां फेंक देते हैं।
उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में बीते तीन दिनों के अंदर आग लगने के 57 छोटे-बड़े मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके के लिए 65 फायर अलर्ट जारी किए गए हैं।टिहरी और श्रीनगर के अलावा कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले के क्षेत्र में भी जंगल आग की चपेट में आकर खाक होते जा रहे हैं। इतना ही नही आग के बस्तियों तक पहुंचने से खतरा और अधिक बढ़ता जा रहा है।आग से पूरे वातावरण में धुआं फैल जाने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है तो वहीं धुआं फैल जाने से आखों में जलन उत्पन हो रही है।मौसम विभाग की ओर से वन विभाग को जारी एडवाइजरी के मुताबिक 25 मई तक मौसम शुष्क रहने के साथ ही पारा अधिक उछाल भरेगा और अपराह्न बाद 20 से 35 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। ऐसे में जंगलों में आग अधिक भड़क सकती है।वन विभाग ने आग की बढ़ती घटनाओं और मौसम के मिजाज को देखते हुए राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभीकार्मिकों की छुट्टियां रद कर दी हैं।मैदान से लेकर पहाड़ तक सभी जगहवन कार्मिक और ग्रामीण आग बुझाने में जुटे हुए हैं। उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए सरकार द्वारा करीब साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि भी जारी की गई है। इस बीच खबर मिली है कि राज्य सरकार केन्द्र से इस सिलसिले में वायुसेना के आग बुझाने वाले जहाजों की मदद के लिए गुहार लगा सकती है।
Yudhishthir , Mirror News
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