युद्धपोत ‘तारागिरी’ हुआ लॉन्च, उत्तराखंड हिमालय के एक पर्वत के नाम पर है नौसेना का ये जंगी जहाज
12 September. 2022. New Delhi. प्रोजेक्ट 17 ए युद्धपोत-तारागिरी को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में लॉन्च किया गया। पश्चिमी नौसेना कमान केएफओसी-इन-सी वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
गढ़वाल में हिमालय पर्वत श्रृंखला के नाम पर ‘तारागिरी’ नाम दिया गया, यह प्रोजेक्ट 17 ए श्रेणी में पांचवां युद्धपोत है।ये जहाज पी17 फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का उन्नत संस्करण हैं, जिनमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, अत्याधुनिक हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं । ‘तारागिरी’ पूर्ववर्ती लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट ‘तारागिरी’का पुन: अवतार है,जिसने 16 मई 1980 से 27 जून 2013 तक तीन दशकों में राष्ट्र के लिए अपनी शानदार सेवा में कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे।
एमडीएल द्वारा निर्मित पी17ए के पांचवें स्टेल्थ फ्रीगेट को श्रीमती चारू सिंह, अध्यक्ष एनडब्लूडब्लूए (पश्चिमी क्षेत्र) ने लॉन्च किया। उन्होंने इसका नामकरण ‘तारागिरी’ किया। पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफीसर कमांडिंग-इन-चीफ वायस एडमिरल अजेन्द्र बहादुर सिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्लूडीबी) और एमडीएल की टीमों ने अतीत में भी कई सफल लॉन्चिंग की हैं। इस तरह उन्होंने अपनी विशेषज्ञता को धार दी है और इस बार फिर पूरी शान के साथ पॉनटून की सहायता से फ्रीगेट को लॉन्च किया है। लॉन्च के बाद ‘तारागिरी’ एमडीएल में अपने दो साथी जहाजों के साथ शामिल हो जायेगा। इसके बाद उसे साजो-सामान से लैस करके भारतीय नौसेना को सौंप दिया जायेगा।
सात पी17ए फ्रिगेट एमडीएल और जीआरएसई में निर्माण के विभिन्न चरणों से गुजर रहे हैं। स्टेल्थ फ्रीगेट जैसे अग्रिम मोर्चे के जटिल पोतों के स्वदेशी निर्माण ने देश को पोत निर्माण के क्षेत्र में ऊंचा दर्जा दिला दिया है। इसके जरिये आर्थिक विकास, भारतीय शिपयार्डों में रोजगार सृजन हो रहा है तथा उप-ठेकेदारों और सहायक उद्योगों को लगातार काम मिल रहा है। इसके अलावा परियोजना 17ए के 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों को दिये गये हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम शामिल हैं। इस तरह देश की ‘आत्म निर्भर भारत’ की परिकल्पना को बल मिल रहा है।
इस अवसर पर वायस एडमिरल अजेन्द्र बहादुर सिंह, एफओसी-इन-सी, पश्चिमी नौसेना कमान ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो और अन्य नौसेना दलों के प्रयासों की सराहना की कि इन सभी ने युद्धपोत निर्माण में देश की आत्मनिर्भरता की भावना को बल दिया है। उन्होंने कहा कि ‘तारागिरि’ जब नीले समंदर में उतरेगा, तो उससे निश्चित ही भारतीय नौसेना की शक्ति बढ़ेगी।
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