38 साल बाद स्वतंत्रता दिवस के दिन घर पहुंच रहा है शहीद चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर, ऑपरेशन मेघदूत के दौरान सियाचिन में हुए थे शहीद
14 August. 2022. Nainital. आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान यह महज एक इत्तेफाक है कि आज से 38 साल पहले भारत के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए सेना के 1 जवान का पार्थिव शरीर अब उत्तराखंड पहुंच रहा है! दरअसल 19 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान चंद्रशेखर हरबोला आज से 38 साल पहले सियाचिन ग्लेशियर में चलाए गए ऑपरेशन मेघदूत के तहत तैनात थे और वह इस दौरान शहीद हो गए थे! बर्फ में दबा हुआ उनका शव 38 साल बाद मिल रहा है जिसे भारतीय सेना के द्वारा 15 अगस्त 2022 की शाम तक उनके घर हल्द्वानी पहुंचाया जाएगा! जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है ऐसे में देश के लिए शहीद होने वाले हमारे वीर जवानों का एक बड़ा उदाहरण यहां पर दिखाई दे रहा है!
हल्द्वानी में मौजूद उनके घर में उनकी 66 साल की पत्नी मौजूद हैं, उनकी दो बेटियां हैं और 28 साल के नाती पोते हैं! 15 अगस्त की शाम तक हल्द्वानी स्थित उनके घर पर सेना के द्वारा उनके पार्थिव शरीर को पहुंचाया जाएगा!
बताया जा रहा है कि 1984 में सियाचीन में भारतीय ग्लेशियर पर दुश्मन का कब्जा होने की सूचना के बाद श्रीनगर से 19 कुमाऊं रेजिमेंट की एक कंपनी को सियाचिन के लिए भेजा गया था, जिसमें जवान चंद्रशेखर हरबोला भी शामिल थे, बताया जा रहा है कि सियाचिन पहुंचने से पहले एक बर्फीला तूफान आने के कारण चंद्रशेखर हरबोला शहीद हो गए थे! 38 साल से बर्फ में दबे हुए उनके शव को भारतीय सेना ने खोज निकाला और अब भारतीय सेना सम्मानपूर्वक उनके शव को उनके गृह नगर हल्द्वानी पहुंचा रही है!
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