बाबा केदारनाथ पर भी महामारी का असर, इतिहास में दूसरी बार गाड़ी से रवाना हुई भोलेनाथ की डोली
भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के कारण सब कुछ उलट-पलट गया है। इंसान तो क्या भगवान पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है, 29 अप्रैल को सवेरे 6:10 मिनट पर भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने हैं और इसके लिए केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से धाम के लिए रविवार सुबह रवाना हुई, लेकिन इस बार भगवान केदारनाथ की इस यात्रा पर कोरोनावायरस महामारी का पूरा असर दिख रहा है, पहले जहां हजारों की भीड़ केदारनाथ धाम तक की इस यात्रा में शामिल होती थी वहीं इस बार चंद लोग ही बाबा की डोली को लेकर रवाना हुए। इतिहास में दूसरी बार बाबा केदारनाथ की डोली को गाड़ी में रख कर ले जाया गया, आगे पढ़िए इतिहास में पहली बार ऐसा कब हुआ था….
रविवार को ये डोली गौरामाई मंदिर गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी, इसके बाद दूसरा रात्रि प्रवास भीमबली में होगा, 28 तारीख की देर शाम तक बाबा केदारनाथ की डोली भगवान केदारनाथ के मंदिर के पास पहुंच जाएगी। इसके बाद 29 अप्रैल को सवेरे 6:10 मिनट पर विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।
इतिहास में ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब बाबा केदारनाथ की डोली को वाहन के जरिए ले जाया जा रहा है। पहली बार सन् 1977 में आपातकाल के दौरान इसी तरह बाबा केदारनाथ की डोली को वाहन से ले जाया गया था, केदारनाथ मंदिर के कपाट होने के बंद होने के बाद बाबा की डोली को वाहन से ही लाया गया था। इतिहास में यह दूसरी बार है जब बाबा की डोली को वाहन से ले जाया जा रहा है। 29 अप्रैल को जब केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे तब वहां पहले की तरह भक्तों को जाने की इजाजत नहीं होगी, बाबा केदारनाथ के मंदिर में विराजमान हो जाने के बाद सिर्फ पुजारी को वहां पूजा करने की अभी इजाजत होगी। तीर्थ यात्रियों को अभी किसी तरह की इजाजत नहीं दी जा रही है। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand
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