पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से भारत को क्या फायदा हुआ, कैसा रहा मोदी की अमेरिका यात्रा का अंतिम दिन, पढ़िए
24 June. 2023. International Desk. अपनी अमेरिका यात्रा के अंतिम दिन मिश्र रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया, इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी इस अमेरिका यात्रा के 3 दिनों में भारत और अमेरिका के रिश्तो की एक नई गौरवशाली यात्रा शुरू हुई है, जनरल इलेक्ट्रिक का भारत में फाइटर प्लेन के इंजन बनाने का फैसला भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा, माइक्रोन कंपनी द्वारा भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए ढाई Billion-Dollar के निवेश का फैसला भारत को दुनिया की सेमीकंडक्टर चैन से जोड़ेगा, अप्लाइड मैटेरियल्स द्वारा भारत में सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट में 400 बिलियन डॉलर का निवेश भारत में सेमीकंडक्टर की इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा। गूगल भारत में अपना फिनटेक ग्लोबल सेंटर खोलने जा रहा है, बोइंग ने भारत में हंड्रेड मिलियन डॉलर के निवेश का फैसला किया है। यह सारी घोषणाएं भारत में इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ जॉब क्रिएशन, हाई टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग और इन्नोवेशन को बढ़ावा देंगे। भारत और अमेरिका के बीच में जो आर्टिमिस एकॉर्ड पर हस्ताक्षर हुए हैं, उससे नासा के मून से मंगल तक के मिशन में भारत की सहभागिता बढ़ेगी और भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को नासा के द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि इन समझौतों से भारत और अमेरिका के लोगों के भाग्य नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। प्रवासी भारतीयों की जरूरत को देखते हुए भारत अमेरिका के सिएटल शहर में काउंसलेट खोलेगा, साथ ही अमेरिका के दो अन्य शहरों में भी काउंसलेट खोले जाएंगे। अहमदाबाद और बेंगलुरु में अमेरिका के नए काउंसलेट खुलने जा रहे हैं। प्रवासी भारतीयों के H1B विजा के नवीनीकरण के लिए प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत Mother of Democracy है और अमेरिका आधुनिक लोकतंत्र का champion है। आज दुनिया दो महान लोकतंत्रों की साझेदारी को और सशक्त होते देख रही है। अमेरिका हमारा सबसे बड़ा trading partner है और export destination है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत उन देशों में शामिल है जो बहुत तेजी से विकसित हो रहे हैं और पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। यह सब भारतवासियों के आत्मविश्वास के कारण हुआ है, जिन्होंने वर्षों की अपनी गुलामी की मानसिकता को त्याग दिया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बताया कि गूगल का रिसर्च सेंटर जल्द ही भारत में 100 भाषाओं पर काम करने वाला है, वहीं अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में तमिल भाषा का केंद्र खोला जाएगा। इसके अलावा इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में भारत के द्वारा अमेरिका से MQ-9 Reaper Predator Drones खरीदने पर भी सहमति बनी है जो भारतीय सुरक्षा बलों की क्षमता को काफी बढ़ा देगा।
वहीं अपने दौरे के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन ने वाशिंगटन डी.सी. में व्हाइट हाउस में भारत-अमेरिका हाई-टेक हैंडशेक कार्यक्रम में भाग लिया। अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत-अमेरिका तकनीकी सहयोग का उपयोग करने की अपार क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने में भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के योगदान की भी सराहना की। राष्ट्रपति बाइडेन ने सीईओ से जैव प्रौद्योगिकी और क्वांटम सहित नए क्षेत्रों में भारत-अमेरिका तकनीकी साझेदारी का विस्तार करने में मदद करने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-अमेरिका साझेदारी हमारे लोगों और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्फाबेट इंक और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने पिचाई को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में सहयोग के और रास्ते तलाशने के लिए आमंत्रित किया। फिनटेक, साइबर सुरक्षा उत्पाद एवं सेवाएँ, साथ ही भारत में मोबाइल डिवाइस निर्माण के लिए भी आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री और पिचाई ने अनुसंधान एवं विकास और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत में Google और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डीसी में बोइंग के अध्यक्ष और सीईओ डेविड एल कैलहौन से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेज़ॅन के अध्यक्ष और सीईओ एंड्रयू आर. जेसी से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन डी.सी. के जॉन एफ कैनेडी सेंटर में संयुक्त राज्य अमेरिका में पेशेवरों की एक सभा को संबोधित किया। यह कार्यक्रम यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत में वर्तमान में चल रहे गहन परिवर्तन और विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने पेशेवरों को भारत के साथ साझेदारी बनाने के लिए आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 1000 प्रमुख पेशेवरों ने भाग लिया।
वहीं अपनी यात्रा के अंतिम दिन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने विदेश विभाग के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी मौजूद थीं।
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