वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए जी-7 समिट में पीएम मोदी ने दिए 10 मंत्र, कहा सबको मिलकर काम करना होगा
20 May. 2023. International Desk. दुनिया के ताकतवर देशों के ग्रुप जी 7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नेताओं के सामने 10 महत्वपूर्ण बिंदु रखे, प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की वर्तमान समस्याओं से निपटने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। पढ़िए क्या है ये महत्वपूर्ण 10 बिंदु….
1- Inclusive फ़ूड सिस्टम का निर्माण, जिसमें विश्व के most vulnerable लोगों, खास कर marginal farmers पर ध्यान केन्द्रित हो, हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। Global fertiliser supply chains को मज़बूत करना होगा। इनमे आयी राजनैतिक रुकावटों को दूर करना है। तथा फ़र्टिलाइज़र resources पर कब्ज़ा करने वाली विस्तारवादी मानसिकता पर रोक लगानी होगी। यह हमारे सहयोग के उद्देश्य होने चाहिए।
2- विश्व भर मे फ़र्टिलाइज़र के alternative के रूप में हम प्राकृतिक फार्मिंग का नया model तैयार कर सकते हैं।v• मेरा मानना है कि हमें डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ विश्व के हर किसान तक पहुँचाना चाहिए। Organic food को फ़ैशन statement तथा commerce से अलग कर nutrition और हेल्थ से जोड़ना हमारा प्रयास हो।
3- UN ने 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है।मिलेट्स nutrition, climate change, water conservation तथा food security के challenges को एक साथ address करते है। इस पर awareness create करनी चाहिए। Food wastage की रोकथाम हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए, यह sustainable ग्लोबल food security के लिए आवश्यक है।
4- कोविड ने humanity के सहयोग और सहायता के परिपेक्ष को चैलेंज किया है। Vaccine तथा दवाइयों की availability को मानव भलाई के स्थान पर राजनीति से जोड़ा गया। Health security का भविष्य में क्या स्वरूप हो इस पर आत्मचिंतन आवश्यक है।
5- Resilient (रेसिलिएंट) healthcare systems की स्थापना हमारी प्राथमिकता हो।
6- Holistic healthcare हमारा मूलमंत्र हो। ट्रेडिशनल मेडिसिन का प्रसार, विस्तार और इसमें joint research हमारे सहयोग का उद्देश्य हों।
7- One Earth – One Health हमारा सिद्धांत, और डिजिटल हेल्थ, यूनिवर्सल health कवरेज हमारे लक्ष्य होने चाहिए।
8- मानव जाति की सेवा मे अग्रसर डॉक्टर और नर्सेज की मोबिलिटी हमारी प्राथमिकता हो।
9- development के model विकास का मार्ग प्रशस्त करें, न कि विकासशील देशों की प्रगति में अवरोधक बनें।Consumerism द्वारा प्रेरित development model को बदलना होगा। प्राकृतिक साधनों के holistic use पर focus करने की जरूरत है। हमें development, टेक्नोलॉजी और डेमोक्रेसी पर एक साथ फोकस करना होगा। टेक्नोलॉजी को democratise करना ज़रूरी है। टेक्नोलॉजी, development और democracy के बीच का bridge बन सकती है।
10- आज women development भारत में चर्चा का विषय नहीं है, क्योंकि आज हम women-led development में अग्रणी हैं। भारत की राष्ट्रपति एक महिला हैं जो ट्राइबल क्षेत्र से आती हैं। Grassroot लेवल पर 33 प्रतिशत seats महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। वे हमारी decision making प्रक्रिया का अभिन्न अंग हैं। Transgender व्यक्तियों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए हमने कानून बनाया है और आपको जानकर खुशी होगी कि भारत में एक रेलवे स्टेशन ऐसा है, जिसे Transgender लोग ही पूरी तरह चलाते हैं।
दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री का विश्व नेताओं के सामने वक्तव्य
आज हम इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं। अनेक संकटों से ग्रस्त विश्व में Climate Change, पर्यावरण सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा, आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से हैं।इन बड़ी चुनौतियों का सामना करने में एक बाधा यह है कि हम climate change को केवल ऊर्जा के परिप्रेक्ष्य से देखते हैं। हमें अपनी चर्चा का स्कोप बढ़ाना चाहिए।
भारतीय सभ्यता में पृथ्वी को माँ का दर्जा दिया गया है। और इन सभी चुनौतियों के समाधान के लिए हमें पृथ्वी की पुकार सुननी होगी। उसके अनुरूप अपने आप को, अपने व्यवहार को बदलना होगा। इसी भावना से भारत ने पूरे विश्व के लिए Mission LiFE, International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Mission Hydrogen, Biofuel Alliance, Big Cat Alliance जैसे institutional solutions की रचना की है। आज भारत के किसान “per drop more crop” के मिशन पर चलते हुए पानी की एक एक बूँद बचा कर प्रगति और विकास की राह पर चल रहे हैं। हम Net Zero by 2070 के हमारे लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
हमारे विशाल रेलवे नेटवर्क ने 2030 तक Net Zero पहुँचने का निर्णय लिया है। इस समय भारत में Renewable Energy की installed capacity लगभग 175 गीगावॉट है। 2030 यह 500 गीगावॉट पहुँच जाएगी। हमारे सभी प्रयासों को हम पृथ्वी के प्रति अपना दायित्व मानते हैं। यही भाव हमारे विकास की नींव हैं और हमारी विकास यात्रा के महत्वाकांक्षी goals मे निहित हैं। भारत की विकास यात्रा में environmental commitments एक बाधा नहीं बल्कि catalyst का काम कर रहे हैं।
Climate Action की दिशा में आगे बढ़ते हुए हमें Green और Clean Technology supply chains को resilient बनाना होगा। अगर हम जरूरतमंद देशों को technology transfer और affordable financing उपलब्ध नहीं कराएँगे, तो हमारी चर्चा केवल चर्चा ही रह जायेगी। जमींन पर बदलाव नहीं आ पायेगा।
मैं गर्व से कहता हूँ कि भारत के लोग पर्यावरण के प्रति conscious हैं और अपने दायित्वों को समझते हैं। सदियों से इस दायित्व का भाव हमारी रगों में बह रहा है।भारत सभी के साथ मिलकर अपना योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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