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Republic Day 2022 : पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संदेश, कहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन बन गया राष्ट्रधर्म, इसे संकट दूर होने तक निभाना है

Republic Day 2022 : पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संदेश, कहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन बन गया राष्ट्रधर्म, इसे संकट दूर होने तक निभाना है

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by January 25, 2022 News

25 January 2022. Delhi. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को संबंधित किया, उन्होंने कहा कि गणतन्त्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया। कोविड महामारी पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमने कोरोना-वायरस के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया है। अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं। हमारी सामूहिक पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है। कोविड महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, अतः हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए। हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना आज हर देशवासी का राष्ट्र-धर्म बन गया है। यह राष्ट्र-धर्म हमें तब तक निभाना ही है, जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता। कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है।

वहीं देश की तरक्की का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है। यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की समर्पित टीमों ने स्वदेशी व अति-आधुनिक विमानवाहक पोत ‘आई.ए.सी.-विक्रांत’ का निर्माण किया है जिसे नौसेना में शामिल किया जाना है। ऐसी आधुनिक सैन्य क्षमताओं के बल पर, अब भारत की गणना विश्व के प्रमुख नौसेना-शक्ति-सम्पन्न देशों में की जाती है।

आगे राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के जो लोग अपने परिश्रम और प्रतिभा से जीवन की दौड़ में आगे निकल सके हैं उनसे मेरा अनुरोध है कि अपनी जड़ों को, अपने गांव-कस्बे-शहर को और अपनी माटी को हमेशा याद रखिए। आज, हमारे सैनिक और सुरक्षाकर्मी देशाभिमान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे सशस्त्र बल तथा पुलिसकर्मी देश की सीमाओं की रक्षा करने तथा आंतरिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए रात-दिन चौकसी रखते हैं ताकि अन्य सभी देशवासी चैन की नींद सो सकें। जब कभी किसी वीर सैनिक का निधन होता है तो सारा देश शोक-संतप्त हो जाता है। पिछले महीने एक दुर्घटना में देश के सबसे बहादुर कमांडरों में से एक – जनरल बिपिन रावत – उनकी धर्मपत्नी तथा अनेक वीर योद्धाओं को हमने खो दिया। इस हादसे से सभी देशवासियों को गहरा दुख पहुंचा।

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