पीएम मोदी ने BRICS सम्मेलन में कहा, आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए।
मोदी बोले कि हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक reform process शुरू किया है। यह campaign इस विश्वास पर आधारित है कि एक self-reliant और resilient भारत post-COVID वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए force multiplier हो सकता है और global value chains में एक मजबूत योगदान दे सकता है। इसका उदहारण हमने COVID के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी।
मोदी ने कहा कि 2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं। 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में intra-BRICS सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे। दरअसल पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सप्ताह में दूसरी बार वर्चुअल मंच साझा किया। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका (BRICS) के नेताओं ने कोविड-19 महामारी के बीच इकॉनमिक रिकवरी पर चर्चा की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर पीएम मोदी ”ग्लोबल स्टैबिलिटी, शेयर्ड सिक्यॉरिटी एंड इनोवेटिव ग्रोथ” थीम पर आयोजित वर्चुअल ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए थे।
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