पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका G-20 समिट में रखे 4 महत्वपूर्ण प्रस्ताव, स्वास्थ्य से लेकर ड्रग ट्रेफिकिंग तक निपटने का बताया मंत्र
22 November. 2025. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की ओर से चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे! पहले प्रस्ताव के तहत पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि Health emergencies और नैचुरल डिज़ास्टर्स के संकट से निपटना भी हमारा सामूहिक दायित्व है। इसलिए भारत का प्रस्ताव है कि G20 Global Healthcare Response टीम का गठन हो। इसमें G20 देशों के प्रशिक्षित मेडिकल विशेषज्ञ हों। ये टीम, किसी भी global health crisis या प्राकृतिक आपदा के समय तेज़ी से तैनाती के लिए तैयार रहे।
दूसरे प्रस्ताव के तहत पीएम मोदी ने कहा कि एक और बड़ा विषय Drug trafficking का है। विशेषकर फेंटेनिल जैसे अत्यंत घातक ड्रग्स, तेजी से फैल रहे हैं। ये पब्लिक हेल्थ, सोशल स्टेबिलिटी और ग्लोबल सिक्योरिटी के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। ये टैररिज्म को फाइनांस करने का भी एक बड़ा माध्यम है। इस वैश्विक खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए भारत, G20 Initiative on Countering the Drug–Terror Nexus का प्रस्ताव रखता है। इसके तहत हम- फाइनांस, गवर्नेंस और सिक्योरिटी से जुड़े अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स को एक साथ ला सकते हैं। तभी ड्रग-टैरर इकोनॉमी को कमज़ोर किया जा सकता है।
तीसरे प्रस्ताव के तहत पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीका के विकास और अफ्रीका के यंग टैलेंट को सक्षम बनाना, ये पूरी दुनिया के हित में है। इसलिए भारत, G20-Africa Skills Multiplier initiative का प्रस्ताव रखता है। ये अलग-अलग सेक्टर्स के लिए “ट्रेन-द-ट्रेनर्स” मॉडल के तहत चल सकता है। और G20 के सभी पार्टनर इसको फाइनांस कर सकते हैं, सपोर्ट कर सकते हैं। हमारा सामूहिक लक्ष्य है कि अगले एक दशक में, अफ़्रीका में वन मिलियन सर्टिफाइड ट्रेनर तैयार हों। ये ट्रेनर, आगे चलकर करोड़ों स्किल्ड युवा तैयार करेंगे। यह एक ऐसी पहल होगी जिसका मलटीप्लाइअर इफेक्ट होगा। इससे लोकल कैपेसिटी का निर्माण होगा, और अफ़्रीका की longterm development को बल मिलेगा।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि साउथ अफ्रीका की अध्यक्षता में, स्किल्ड माइग्रेशन, टूरिज्म, फूड सिक्योरिटी, AI, डिजिटल इकॉनॉमी, इनोवेशन और women empowerment जैसे विषयों पर प्रशंसनीय काम हुआ है। नई दिल्ली G-20 समिट में जो ऐतिहासिक initiatives लिए गए थे, उनको यहां आगे बढ़ाया गया है। पिछले कई दशकों में, G20 ने global finance और Global economic growth को दिशा दी है। लेकिन ग्रोथ के जिन पैरामीटर्स पर अबतक काम हुआ है, उनके कारण बहुत बड़ी आबादी resources से वंचित रह गई है। साथ ही, nature के over-exploitation को भी बढ़ावा मिला है। अफ्रीका इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी है। आज जब अफ्रीका पहली बार G20 समिट की मेजबानी कर रहा है, तो यहां हमें विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए। इसका एक रास्ता भारत की civilizational values में है। और वो रास्ता Integral Humanism का है। यानि हमें human, society और nature को एक integrated whole के रूप में देखना होगा। तभी प्रगति और प्रकृति के बीच, हार्मनी संभव हो पाएगी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दुनिया में ऐसी कई communities हैं, जिन्होंने अपने traditional और eco-balanced lifestyle को संभाल कर रखा है। इन परंपराओं में sustainability तो दिखती ही है, साथ ही इनमें, सांस्कृतिक ज्ञान, सामाजिक एकता और प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान के भी दर्शन होते हैं। भारत का प्रस्ताव है कि G20 के तहत एक Global Traditional Knowledge Repository बनाई जाए। भारत का जो, Indian Knowledge Systems initiative है, वो इसका आधार बन सकता है। यह global platform, मानवता के collective wisdom को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-अफ्रीका solidarity हमेशा से मज़बूत रही है। नई दिल्ली समिट के दौरान अफ्रीकन यूनियन का, इस ग्रुप का स्थाई सदस्य बनना एक बहुत बड़ा initiative था। अब ये आवश्यक है कि इस स्पिरिट का विस्तार G20 से भी आगे हो। सभी वैश्विक संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की आवाज और बुलंद हो, इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए।
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