BRICS शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी, बताई भारत की ताकत, आतंकवाद और वैश्विक मंचों में सुधार को लेकर उठाई आवाज, दिया डायलॉग और डिप्लोमेसी का संदेश
23 October. 2024. International Desk. रूस के कजान में BRICS शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, climate change, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है। विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम divide की बात हो रही है। महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, energy सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, water सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं और टेक्नोलॉजी के युग में साइबर सिक्यूरिटी, deep fake, disinformation जैसी नई चुनौतियाँ बन गई हैं। ऐसे में ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं। मेरा मानना है कि एक diverse और inclusive प्लेटफॉर्म के रूप में ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है। इस संदर्भ में हमारी approach people centric रहनी चाहिए। हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं जनहितकारी समूह है। हम युद्ध नहीं डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर covid जैसी चुनौती को परास्त किया, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। आतंकवाद और Terror financing से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे देशों के युवाओं में radicalization को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए। UN में Comprehensive Convention on International terrorism के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा। उसी तरह साइबर सिक्यूरिटी, safe और secure AI के लिए ग्लोबल regulations के लिए काम करना चाहिए।”
पीएम मोदी ने कहा कि “हमें UN Security Council, Multilateral development बैंक्स, WTO जैसे वैश्विक संस्थानों में reforms के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम ग्लोबल institutions में reform नहीं बल्कि उन्हें replace करना चाहते हैं। ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। Voice of Global South Summit और अपनी G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज को वैश्विक मंच पर रखा है। मुझे खुशी है कि ब्रिक्स के अंतर्गत भी इन प्रयासों को बल मिल रहा है।पिछले वर्ष अफ्रीका के देशों को ब्रिक्स से जोड़ा गया। इस वर्ष भी रूस द्वारा अनेक ग्लोबल साउथ के देशों को आमंत्रित किया गया है।”
वहीं सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ” नए स्वरूप में, BRICS 30 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा बड़ी economy है। हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में ब्रिक्स बिज़नेस काउंसिल और ब्रिक्स वीमेन बिज़नेस अलायन्स की विशेष भूमिका रही है। इस वर्ष BRICS के अंदर WTO reforms, trade facilitation in Agriculture, resilient supply chains, e-commerce और Special Economic Zones को लेकर जो सहमती बनी है, उससे हमारे आर्थिक सहयोग को बल मिलेगा। इन सब पहलों के बीच हमें small और medium scale industry के हितों पर भी फोकस करना चाहिए। मुझे खुशी है कि 2021 में भारत की अध्यक्षता के दौरान प्रस्तावित BRICS Startup Forum इस वर्ष लॉन्च किया जाएगा। भारत द्वारा लिया गया रेलवे रिसर्च नेटवर्क का initiative भी ब्रिक्स देशों के बीच logistics और supply chain connectivity बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस साल BRICS देशों में, यूनिडो (UNIDO) के साथ मिलकर, Industry 4.0 के लिए skilled work force तैयार करने पर बनी सहमती बहुत ही महत्वपूर्ण है। 2022 में लॉन्च किया गया BRICS वैक्सीन R&D Centre सभी देशों की स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ाने में मदद कर रहा है। हमें Digital Health में भारत का सफल अनुभव ब्रिक्स पार्टनर्स के साथ साझा करने में खुशी होगी। Climate Change हमारी साझी प्राथमिकता का विषय रहा है।रूस की अध्यक्षता में BRICS Open Carbon Market Partnership के लिए बनी सहमति का स्वागत है। भारत में भी green growth, climate resilient infrastructure और ग्रीन transition पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient infrastructure, Mission LiFE यानि Lifestyle for Environment, एक पेड़ माँ के नाम जैसे initiative लिए गए हैं। पिछले वर्ष COP-28 के दौरान हमने Green Credit जैसी महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की। मैं ब्रिक्स पार्टनर्स को इन initiatives से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूँ। ब्रिक्स के सभी देशों में infrastructure के निर्माण पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। भारत में multi-modal connectivity को तेजी से बढ़ाने के लिए हमने गति-शक्ति पोर्टल बनाया है। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए integrated planning और implementation में मदद मिली है और logistic cost कम हुई है। हमारे अनुभव आप सभी के साथ साझा करने में हमें खुशी होगी। ब्रिक्स देशों के बीच financial integration बढ़ाने के लिए प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। Local currencies में व्यापार और सुगम रूप से cross-border payments से हमारा आर्थिक सहयोग सुदृढ़ होगा।भारत द्वारा बनाया गया Unified Payments Interface यानि UPI भारत की एक बहुत बड़ी success story है। इसे कई देशों में अपनाया गया है। पिछले वर्ष His Highness शेख मोहम्मद के साथ मिलकर हमने इसे UAE में भी लॉन्च किया। अन्य ब्रिक्स देशों के साथ भी इसमें सहयोग किया जा सकता है।”
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