यहां बन रहा है उत्तर भारत का पहला एटोमिक रिएक्टर, सरकार की ओर से पहली बार विस्तृत जानकारी दी गई
18 Feb. 2023. New Delhi. उत्तर भारत का पहला परमाणु संयंत्र हरियाणा के गोरखपुर शहर में स्थापित होगा, जो नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 150 किमी उत्तर में है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन के दौरान, प्रमुख उपलब्धियों में से एक देश के अन्य हिस्सों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना होगी, जो पहले तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे ज्यादातर दक्षिण भारतीय राज्यों या पश्चिम में महाराष्ट्र तक ही सीमित थे।
गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) जिसमें 700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां हैं जिनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) स्वदेशी डिजाइन है, हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास कार्यान्वयन के अधीन है। अब तक, कुल आवंटित धनराशि 20,594 करोड़ में से ₹4,906 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है। (आज की स्थिति के अनुसार कुल वित्तीय प्रगति 23.8 प्रतिशत है)।
अन्य मुख्य संयंत्र भवनों/संरचनाओं अर्थात फायर वाटर पम्प हाउस (एफडब्ल्यूपीएच), सुरक्षा संबंधित पम्प हाउस (एसआरपीएच), ईंधन तेल भंडारण क्षेत्र-1 और 2 (एफओएसए-1 और 2), वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक (ओएचटी), स्विचयार्ड नियंत्रण भवन, सुरक्षा संबंधी और गैर-सुरक्षा संबंधी टनल तथा ट्रेंच, रिटेनिंग वॉल और गारलैंड ड्रेन के निर्माण का काम अच्छी तरह से चल रहा है। टर्बाइन बिल्डिंग-1 और 2, 220 केवी स्विचयार्ड और आईडीसीटी-1ए में भूमि सुधार का काम पूर्ण हो गया है। अन्य क्षेत्रों – आईडीसीटी, 400 केवी स्विचयार्ड, आपातकालीन मेकअप जल तालाब और स्टेशन सड़कों का काम प्रगति पर है। आईडीसीटी पैकेज और टर्बाइन आइलैंड पैकेज के लिए ठेकेदारों ने साइट को संघटित किया है।
प्राइमरी कूलेंट पंप, कैलेंड्रिया, रिएक्टर हेडर्स, रिफ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य डी20 हीट एक्सचेंजर्स आदि जैसे प्रमुख लंबे विनिर्माण चक्र उपकरण/घटकों के लिए खरीद आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। पहली इकाई के लिए एंड शील्ड और सभी स्टीम जेनरेटर साइट पर प्राप्त हो गए हैं। अन्य उपकरणों का विनिर्माण विभिन्न चरणों में है और निर्माण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए साइट पर प्रदायगी समय पर होने की उम्मीद है।
प्रचालनगत ठंडे पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टोहाना से जीएचएवीपी तक जल वाहिनी का निर्माण हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (एचआई और डब्लयूआरडी) के माध्यम से जमा कार्य के रूप में आरंभ किया गया है और इसकी प्रगति अच्छी चल रही है। The Image is Representative Only.
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