भारत-नेपाल सीमा में फंसे नेपाली मायूस, अभी घर नहीं जा पाएंगे, उत्तराखंड पहुंचे नेपाली अधिकारियों ने कही ये बात
उत्तराखंड पहुंचे नेपाली अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि नेपाल में लॉकडाउन खत्म होने से पहले वो सीमा पर फंसे नेपालियों को अभी अपने देश में नहीं घुसने देंगे। इसके बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से सटी नेपाल की सीमा में फंसे हजारों नेपालियों में मायूसी छा गई है। हालांकि तीनों ही राज्यों में सरकारों द्वारा भारतीय सीमा में नेपाली मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई है लेकिन अभी अपने देश में नहीं जाने देने के कारण करीब महीने भर से फंसे नेपाली दुखी हैं।
दरअसल उत्तराखंड के चंपावत जिले के राहत शिविरों में रह रहे नेपाली नागरिकों से मिलने नेपाल के अधिकारी टनकपुर, बनबसा पहुंंचे, इस दौरान नेपाल के अधिकारियों ने नेपाल के नागरिको से मुलाकात कर उनके मन का हाल जाना, तो वहीं भारत सरकार की व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ भी की। नेपाल के कंचनपुर के सीडीओ ने कहा कि 27 अप्रैल को नेपाल में लॉकडाउन की आखिरी तारीख है, उसके बाद ही अपने देश के नागरिकों को लेकर कोई फैसला किया जायेगा। इस मौके पर नेपाल के महेंद्रनगर के पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे। इन अधिकारियों ने अपने समकक्ष भारतीय अधिकारियों से भी मुलाकात की।
आपको बता दें कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से सटी नेपाल सीमा में अपने घर जाने के लिए निकले हजारों नेपाली नागरिक और मजदूर फंसे हुए हैं। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में एक हजार के करीब नेपाली मजदूर फंसे हुए हैं, ऐसा ही कुछ हाल चंपावत जिले का भी है। वहीं महामारी को देखते हुए नेपाल में भी लॉकडाउन किया गया है, नेपाली मजदूरों के भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी नेपाल सरकार अभी उनको अपने देश में आने देने के लिए तैयार नहीं है। अगर नेपाल में 27 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म भी हो जाता है, तब भी इन नागरिकों के भविष्य का फैसला काठमांडू से किया जाएगा । अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand
( उत्तराखंड की नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)