देश में नशे और ड्रग्स की समस्या पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कही महत्वपूर्ण बातें, पढ़िए
21 Dec. 2022. New Delhi. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोक सभा में नियम 193 के अंतर्गत देश में ड्रग्स की समस्या और इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर लघु चर्चा का जवाब दिया, इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें कही, पढ़िए….
1 मोदी सरकार की ड्रग्स के कारोबार और उसके मुनाफे से आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और सरकार सख्ती से इसे शून्य तक ले जाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है
2. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के गृह मंत्रालय के सामने नशा मुक्त भारत का एक लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य की पूर्ति में हमारी ओर से कोई कसर नहीं रहेगी
3. ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई को केंद्र, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलकर लड़ना होगा
4. एनडीपीएस के तहत सीमा सुरक्षा बल, एसएसबी और असम राइफल्स, तीनों को केस दर्ज करने के अधिकार दिए गए हैं, भारतीय तटरक्षक बल, राज्यों के कोस्टल पुलिस स्टेशन्स और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को भी अधिकार दिए गए हैं
5- लेकिन सुरक्षा बलों को दिए इन अधिकारों पर कुछ राज्यों ने कहा कि उनके अधिकार छीन लिए गए हैं… अगर हम अपनी एजेंसियों को शक्तियां नहीं देंगे, तो वे कैसे काम करेंगी ? हमें अपने सुरक्षा बलों पर विश्वास होना चाहिए, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले ड्रग्स तस्करी का समर्थन कर रहे हैं
6- अगर किसी राज्य में सबसे ज्यादा ड्रग्स पकड़ा जाता है तो इसका मतलब है कि उस राज्य ने ड्रग्स के विरुद्ध अच्छा काम किया है , मिट्टी में मुंह डालने से आंधी नहीं चली जाती, आंधी का सामना करना पड़ता है…शुतुरमुर्ग नीति से हम देश को नहीं बचा सकते हैं
7- किसी भी ड्रग्स इन्वेस्टिगेशन और इसकी ज़ब्ती को आइसोलेशन में नहीं देखना चाहिए, ड्रग्स के पूरे नेटवर्क को हमें ध्वस्त करना होगा, तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है
8- ड्रग्स का सेवन करने वाला पीड़ित होता है उसके प्रति सहानुभूति का रवैया होना चाहिए, लेकिन ड्रग्स का व्यापार और तस्करी करने वालों को कानून के शिकंजे में लाना चाहिए
9- यह एक सीमारहित अपराध है और जब तक कोऑपरेशन, कोऑर्डिनेशन और कोलैबोरेशन नहीं होता है तब तक हम इस लड़ाई को जीत नहीं सकते हैं
10- ड्रग्स डीलर के लिए वो गोल्डन ट्रायंगल और गोल्डन क्रीसेंट हो सकते हैं लेकिन हम और हमारे युवाओं के लिए वे डेथ ट्रायंगल और डेथ क्रीसेंट हैं, ड्रग्स के खतरे के खिलाफ इस लड़ाई को जीतने के लिए दुनिया को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा
11- एनकॉर्ड की ज़िला-स्तरीय बैठक सबसे महत्वपूर्ण होती है और जब तक जिलास्तर पर डीसीपी, कलेक्टर, समाज कल्याण अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग अधिकारी आदि एकसाथ बैठकर इसपर चर्चा नहीं करेंगे तब तक हमारी ये लड़ाई सफल नहीं होगी
12- ड्रग्स नेटवर्क के चार्ट की भी मैपिंग की गई है और राज्यों में ड्रग्स आने के रास्ते और उसके नेटवर्क की 472 जिलों में मैपिंग करके राज्यों को भेज दी गई है
13- नारकोटिक्स के सैंपल की टेस्टिंग में देरी ना हो व अपराधी बच ना सके इसके लिएभारत सरकार 6 रीजनल लैब भी बना रही है
14- ड्रग्स के खिलाफ यह अभियान कोई एक सरकार का नहीं हो सकता, केंद्र और राज्यों की सभी एजेंसियों को एक ही प्लेटफार्म पर आकर समान तीव्रता और गंभीरता के साथ इस अभियान को चलाना होगा तभी हम हमारी आने वाली पीढ़ियों को बचा पाएंगे
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