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दुनिया में युद्ध और कोविड जैसी परेशानी के बावजूद भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर-पीएम मोदी

दुनिया में युद्ध और कोविड जैसी परेशानी के बावजूद भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर-पीएम मोदी

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by November 12, 2022 News

12 Nov.2022. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने तेलंगाना के रामागुंडम में 9500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पहले आज प्रधानमंत्री ने रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) संयंत्र का दौरा किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है और जिनके लिए आज आधारशिला रखी गई, वे कृषि और कृषि विकास दोनों को बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी से निपट रही है और दूसरी तरफ युद्ध तथा सैन्य कार्रवाइयों की विकट स्थितियों से प्रभावित हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “लेकिन इन सबके बीच विशेषज्ञ भविष्यवाणी कर रहे हैं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञ ये भी कह रहे हैं कि 90 के दशक से 30 वर्षों में जितना विकास हुआ है, उसके बराबर विकास अगले कुछ वर्षों में हो जाएगा। उन्होंने कहा, “इस धारणा का मुख्य कारण है बीते 8 वर्षों के दौरान देश में हुआ बदलाव। भारत ने पिछले 8 वर्षों में काम करने के अपने दृष्टिकोण को बदल दिया है। इन 8 वर्षों में गवर्नेंस की सोच के साथ-साथ नजरिए में भी बदलाव आया है।” उन्होंने कहा कि इस तब्दीली को बुनियादी ढांचे, सरकारी प्रक्रियाओं, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस और बाकी परिवर्तनों में देखा जा सकता है जो कि भारत के आकांक्षी समाज से प्रेरित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, “एक नया भारत खुद को आत्मविश्वास और विकास की आकांक्षाओं के साथ दुनिया के सामने पेश कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास लगातार जारी रहने वाला मिशन है जो देश में साल के 365 दिन चलता रहता है। उन्होंने कहा कि जब एक परियोजना को समर्पित कर दिया जाता है तो उसके साथ-साथ नई परियोजनाओं पर काम शुरू हो जाता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है, उनके विकास को गति देने के प्रयास किए जा रहे हैं और रामागुंडम परियोजना इसका स्पष्ट उदाहरण है। रामागुंडम परियोजना की आधारशिला 7 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करके आगे बढ़ सकता है। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि “जब हमारा उद्देश्य महत्वाकांक्षी है तो हमें नई पद्धतियों का इस्तेमाल करना होता है और नई सुविधाओं का निर्माण करना होता है।” श्री मोदी ने कहा कि भारत का उर्वरक क्षेत्र केंद्र सरकार के ईमानदार प्रयासों का प्रमाण है। जब भारत उर्वरकों की मांग पूरी करने के लिए विदेशों पर निर्भर करता था, उस समय को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रामागुंडम संयंत्र सहित पहले जो कई उर्वरक संयंत्र स्थापित किए गए थे, वे अप्रचलित प्रौद्योगिकियों के कारण बंद होने के लिए मजबूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि यूरिया जो अत्यधिक ऊंची कीमत पर आयात किया जाता था, उसकी किसानों तक पहुंचने के बजाय अन्य उद्देश्यों के लिए कालाबाजारी कर दी जाती थी।

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