भारत से टकराया खतरनाक चक्रवात बिपरजॉय, पूरी रात किया तांडव, बचाव और राहत दल एक्टिव
Update. 16 June. 2023. National Desk. खतरनाक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है, अब ये राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। गुजरात तट के कई जिलों में पेड़ टूट गए हैं, बिजली के खंभे उखड़ गए हैं और अब राहत और बचाव कार्य जारी है। 1 लाख लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। अभी तक किसी भी तरह की मानवीय हानि की कोई खबर नहीं है।
15 June. 2023. National Desk. खतरनाक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत पहुंच चुका है, गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ के तटों पर चक्रवाती तूफान टकरा रहा है, देर रात तक इस तूफान के तटीय इलाकों में टकराने की प्रक्रिया जारी रहेगी, इस दौरान तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है और 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
किसी भी अनहोनी की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, नौसेना, वायु सेना और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह एक्टिव हो गया है, करीब 1 लाख लोगों को प्रभावित इलाकों से हटाकर सुरक्षित इलाकों में ले जाया गया है। तूफान के पूरी तरह टकराने के बाद हवाओं की गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है, वहीं इन इलाकों में बारिश और ज्यादा तेज हो सकती है।
तूफान के कारण समुद्र में काफी ऊंची लहरें आ रही हैं, ऐसे में तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है। इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने प्रभावी और समयबद्ध तरीके से आठ जिलों में 1 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर सफलतापूर्वक पहुंचाया है। प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 18 टीमों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 12 टीमों को तैनात किया है।
प्रत्येक जिले की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बचाव दलों की तैनाती की गई है, कच्छ में 6 टीमें, देवभूमि द्वारका में 3 टीमें, राजकोट और जामनगर में 2 टीमें, और जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ में एक-एक टीम, मोरबी, और वलसाड में एक एक टीम। एसडीआरएफ ने कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका को दो-दो टीमें आवंटित की हैं, जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटन और बनासकांठा में एक-एक टीम है। इसके अतिरिक्त सूरत में एक रिजर्व टीम है।
दिल्ली में उच्च स्तर पर चक्रवात और इसके असर की निगरानी की जा रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं वहीं केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय भी अपने मंत्रालय से संबंधित आपदा राहत कार्यवाही में लगे हुए हैं।
गुजरात के द्वारका में 90 मीटर ऊंचे गाइ रोप की मदद से खड़े स्टील से निर्मित आकाशवाणी टॉवर को बिपरजॉय तूफान के खतरे को देखते हुए एहतियातन ढहाया गया। यह निर्णय इस टॉवर के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोकने और आसपास के क्षेत्रों में जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए लिया गया है। टॉवर ढहाने का यह कदम एनआईटी सूरत और सीसीडब्ल्यू के संरचनात्मक विशेषज्ञों द्वारा 35 साल पुराने इस टॉवर की सुरक्षा जांच के बाद उठाया गया है। इन विशेषज्ञों ने जनवरी, 2023 में इस टॉवर को ढहाने की सिफारिश की थी। इसके साथ ही, आकाशवाणी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए द्वारका से अपनी सेवाओं की बहाली के बारे में काम कर रही है।
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