सभी देश युवाओं को रेडिकलाइज करने वाली संस्थाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें, ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में बोले गृहमंत्री अमित शाह
19 Nov. 2022. New Delhi. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में तीसरे “नो मनी फॉर टेरर” मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग) के समापन सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “टेररिज्म लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति तथा विश्व शांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर है, जिसे हमें जीतने नहीं देना है”। उन्होंने कहा कि कोई भी एक देश या संगठन, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, टेररिज्म को अकेला नहीं हरा सकता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार इस जटिल और बॉर्डर-लेस खतरे के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारत ने टेररिज्म के सभी रूपों सहित कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। उन्होंने कहा कि टेररिज्म के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति, काउंटर-टेरर कानूनों के मजबूत फ्रेमवर्क तथा एजेंसियों के सशक्तिकरण के कारण भारत में टेररिज्म से होने वाली घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है तथा टेररिज्म के मामलों में सख्त सजा दिलाने में सफलता हासिल की गई है।
अमित शाह ने कहा कि हम टेररिज्म के सभी रूपों के खिलाफ एक प्रभावी, दीर्घकालिक और ठोस लड़ाई के बिना भय-मुक्त समाज और भय-मुक्त दुनिया के बारे में नहीं सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रों के नागरिकों ने नेतृत्व के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है – उनकी सुरक्षा की, और यह हमारा कर्त्तव्य है कि इस जिम्मेदारी की कसौटी पर हम खरे उतरें। श्री शाह ने कहा कि पिछले दो दशकों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस खतरे से निपटने के लिए एक ढाँचा विकसित किया है जिसका मुख्य उद्देश्य “काउंटर-टेररिज्म सैंक्शन व्यवस्था” खड़ी करना है और टेररिज्म को स्टेट-फंडेड इंटरप्राइज बनाने वाले देशों की कार्रवाईयों पर कुछ हद तक अंकुश लगाने का काम यूनाइटेड नेशन्स द्वारा स्थापित इस व्यवस्था ने सफलता से किया है, लेकिन इसे और कठोर, पारदर्शी और सटीक बनाना है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सबसे पहली प्रतिबद्धता ट्रांसपेरेंसी के साथ कोऑपरेशन की होनी चाहिए और सभी देशों और संगठनों को बेहतर और प्रभावी तरीके से इंटेलिजेंस साझा करने में पूरी तरह से ट्रांसपेरेंसी का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि हमें टेररिज्म और टेररिस्ट गुटों के खिलाफ इस लड़ाई को प्रत्येक भौगौलिक और वर्चुअल क्षेत्र में लड़ना होगा। श्री शाह ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने हैं, जहाँ अन्य मकसदों की आड़ में कुछ संगठन, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद और रेडिकलाइजेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी देखा गया है कि यह संगठन, आतंकवाद को फाइनेंस करने के चैनल भी बनते हैं। श्री शाह ने बताया कि अभी हाल ही में भारत सरकार ने सामाजिक गतिविधियों की आड़ में युवाओं को रेडिकलाइज करके उन्हें आतंक की ओर धकेलने की साजिश करने वाली एक संस्था को बैन करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश को ऐसी संस्थाओं को चिन्हित करके उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि कुछ देशों, उनकी सरकारों और एजेंसियों ने ‘टेररिज्म’ को स्टेट पालिसी बनाया है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि टेरर हेवन्स पर आर्थिक प्रतिबंध के साथ-साथ सभी प्रकार की नकेल कसना आवश्यक है और इस पर दुनिया के सभी देशों को अपने जियो-पोलिटिकल इंटरेस्ट से ऊपर उठकर एक मन बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ देश राजनीति के लिए आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालो का बार बार समर्थन करते हैं, लेकिन आतंकवाद की कोई अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं होती और इसीलिए सभी देशों को राजनीति को भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। शाह ने कहा कि सभी देशों को ‘टेररिज्म’ और ‘टेरर फाइनेंसिंग’ की व्याख्या पर सहमति भी बनानी होगी क्योंकि यह हमारे नागरिकों की सुरक्षा, मानवाधिकार और लोकतांत्रिक अधिकारों के रक्षा का मुद्दा है, न कि एक राजनैतिक मुद्दा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि टेररिस्ट ग्रुप्स, इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी और साइबर स्पेस को अच्छी तरह से समझते हैं, जनता की संवेदनशीलता भी समझते हैं और इसीलिए उसका उपयोग भी करते हैं। उन्होंने कहा कि आज साइबर स्पेस, टेररिज्म के खिलाफ लड़ाई का एक प्रमुख युद्ध का मैदान है। शाह ने कहा कि वेपन्स टेक्नोलॉजी में भी बहुत परिवर्तन हुआ है और 21वीं सदी की लीथल टेक्नोलॉजीज तथा ड्रोन टेक्नोलॉजी अब आतंकवादियों के पास भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टेररिस्ट तथा टेररिस्ट ग्रुप्स के नारकोटिक्स जैसे संगठित अपराधों के साथ बढ़ते लिंक्स, क्रिप्टो करेंसी तथा हवाला, टेरर फाइनेंसिंग की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा देते है।
अमित शाह ने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यही है कि टेररिज्म और टेरर फाइनेंसिंग के सभी चैनलों की पहचान कर, टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ एक प्रैक्टिकल तथा वर्केबल रोडमैप बनाया जाये।
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