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BRICS में शामिल होंगे 6 अन्य देश, पीएम मोदी बोले ये दुनिया के लिए संदेश, अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस को भी संबोधित किया

BRICS में शामिल होंगे 6 अन्य देश, पीएम मोदी बोले ये दुनिया के लिए संदेश, अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस को भी संबोधित किया

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by August 24, 2023 News

24 August. 2023. International Desk. दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में चल रहे ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने इसमें कुछ और देशों को शामिल करने पर सहमति जतायी है, अब अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी इस ग्रुप में शामिल हो रहे हैं। जनवरी 2024 से यह सभी देश इस ग्रुप के स्थाई सदस्य बन जाएंगे, भारत ने ब्रिक्स संगठन में अन्य देशों को शामिल करने पर अपनी पूर्ण सहमति जताई, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का स्वागत किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर हमने इस मंच का विस्तार करने का निर्णय लिया है। भारत ने हमेशा इस विस्तार का पूरा समर्थन किया है। इस तरह का विस्तार ब्रिक्स को मजबूत और अधिक प्रभावी बनाएगा। उस भावना में भारत ब्रिक्स परिवार में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्वागत करता है।” पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स का विस्तार एवं आधुनिकीकरण इस बात का संदेश है कि विश्व के सभी institutions को बदलते समय की परिस्थितियों के अनुरूप ढलना चाहिए। यह एक ऐसी पहल है जो बीसवीं सदी में स्थापित अन्य ग्लोबल institutions के रिफॉर्म के लिए एक मिसाल बन सकता है। जिन अन्य देशों ने भी ब्रिक्स से जुड़ने की अभिलाषा व्यक्त की है, भारत उनको भी पार्टनर कंट्रिस के रूप में जुड़ने के लिये consensus बनाने में योगदान देगा। आपको बता दें कि ब्रिक्स में भारत, रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का आर्थिक और सामूहिक साझेदारी को लेकर एक महत्वपूर्ण ग्रुप है।

वही ब्रिक्स अफ्रीका आउटरीच (BRICS Africa outreach) और BRICS Plus वार्ता में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दो दिनों में ब्रिक्स की सभी चर्चाओं में हमने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं पर बल दिया है। हमारा मानना है कि ब्रिक्स द्वारा इन मुद्दों पर विशेष महत्त्व दिया जाना वर्तमान समय की ज़रूरत है। हमने BRICS फोरम का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है। हम सभी पार्टनर देशो का स्वागत करते है। यह Global institutions और forums को, representative और inclusive बनाने की, हमारे कोशिको की तरफ एक पेहेल है। जब हम “ग्लोबल साउथ” शब्द का प्रयोग करते हैं, तो यह मात्र diplomatic term नहीं है।हमारे साझा इतिहास में हमने उपनिवेशवाद और रंगभेद का मिलकर विरोध किया है। अफ्रीका की भूमि पर ही महात्मा गाँधी ने अहिंसा और peaceful resistance जैसी शक्तिशाली अवधारणाओं को विकसित किया, परखा और भारत के freedom struggle में इस्तेमाल किया। उनकी सोच और विचारों ने नेल्सन मंडेला जैसे महान नेता को प्रेरित किया। इतिहास के इस मज़बूत आधार पर हम अपने आधुनिक संबंधों को एक नया स्वरूप दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लैटिन अमेरिका से लेकर Central एशिया तक, पश्चिम एशिया से लेकर South-East Asia तक, इंडो-पेसिफ़िक से लेकर इंडो-अटलांटिक तक, भारत सभी देशों को एक परिवार के रूप में देखता है। वसुधैव कुटुम्बकम – यानि whole world is a family – हजारों वर्षों से हमारी जीवनशैली का आधार रहा है। यह हमारी G-20 अध्यक्षता का भी मूलमंत्र है।

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