होनहार सोनी की गरीबी जब आड़े आने लगी उसकी पढ़ाई में, तब एक डीएम का सहारा कैसे बना आशा की किरण, पढ़िए
गरीब बच्चों के अरमानों को पंख लगाने और उनको लक्ष्य तक पहुंंचाने में उत्तराखंड के एक जिलाधिकारी की मेहनत काम आई है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए समर्पित एवं विशेष विजन के साथ काम करने वाले नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल ने विकासखण्ड धारी के सुदूरवर्ती ग्राम सरना की तोक खरंखा पदमपुरी में रहने वाली गरीब किसान की बेटी सोनी की पढ़ाई जारी रखने की इच्छा को पूरा किया। गौरतलब है कि सोनी के पिता एक गरीब किसान हैं, जिनकी चार संताने हैं जिनमें से एक सोनी भी है। सोनी ने राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज धारी से इण्टरमीडिए की परीक्षा 65 फीसदी अंक हासिल कर उत्तीर्ण की। परिवार की आर्थिक ठीक न होने के कारण उसके माता-पिता आगे की शिक्षा दिलाने में असमर्थ थे। जब यह तथ्य जिलाधिकारी बंसल ( Nainital DM Savin Bansal) के सामने आया तो उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास अनुलेखा बिष्ट से बालिका तथा उसके माता-पिता से सम्पर्क करने को कहा और भरोसा देने की बात कही कि सोनी की आगे की पढ़ाई जिलाधिकारी बंसल करायेंगे।
नतीजा यह हुआ कि सोनी के माता-पिता आगे की पढ़ाई के लिए तैयार हो गए और अपनी सहमति दी। जिलाधिकारी बंसल ने बालिका सोनी का दाखिला उसकी अभिलाषा के अनुरूप पाल नर्सिंग हल्द्वानी में जीएनएम कोर्स में करा दिया है। जहाॅ वह पूरी मेहनत व रूचि के साथ अध्ययन कर रही है। सोनी की फीस व पढ़ाई के खर्चे की व्यवस्था प्रशासन द्वारा वहन की जायेगी। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें….Mirror Uttarakhand News
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