Skip to Content

सीनियर सिटीजन को  राष्ट्रीय संपदा घोषित करे सरकार

सीनियर सिटीजन को राष्ट्रीय संपदा घोषित करे सरकार

Closed
by August 18, 2020 News

15 अगस्त, शनिवार को को देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एबी फाउण्डेशन दिल्ली की ओर से “सीनियर सिटीजन देश की संपदा हैं” जैसे संवेदनशील विषय पर आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता अर्थक्रांति के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय आर्थिक साक्षरता मंच द्वारा संयोजित “जीवन गौरव अभियान” के राष्ट्रीय समन्वयक विजय देशमुख दबडगावकर ने अपने संगठन की ओर से मोदी सरकार से देश के सीनियर सिटीजन यानी वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय संपदा घोषित करने के साथ ही उन्हें प्रतिमाह दस हजार रुपये बतौर सम्मान निधि देने की पुरजोर मांग दोहराते हुए कहा कि ये देश का वो तबका है जिसने समाज के हर वर्ग की सेवा की है। किसान से लेकर रेहडी लगाने वाला हो या देश निर्माण मे जुटा श्रमिक, राजगीर और अंतिम कतार मे खडा रिक्शा चालक। इन सभी ने सेवा की है और आज भी कर रहे हैं। रिक्शा चलाने वाले ने न जाने कितनों को समय पर अस्पताल पहुंचा कर उनकी प्राण रक्षा की होगी।

60 से ज्यादा की उम्र वाले इन वरिष्ठ नागरिकों की संख्या लगभग 15 करोड के आसपास है। इसमे पांच करोड ऐसे लोग हैं जिनको पर्याप्त पेंशन मिलती है। दस हजार प्रतिमाह यदि दस करोड सीनियर सिटीजन को सरकार देती है तो कुल 12 लाख करोड रुपये की जरूरत होगी । सरकार यह राशि रिजर्व बैंक से बतौर लोन ले सकती है। इस पर उसे छह प्रतिशत ब्याज देना होगा। लेकिन दस करोड लोग जो दस हजार की राशि खर्च करेंगे, उसमे राशन, दवा और अन्य मद का यदि कुल औसत निकाल लिया जाय तो बतौर जीएसटी 12 प्रतिशत के करीब सरकार के पास पहुंच जाएगी। सरकार समाज कल्याण के मद में कारपोरेट घरानों पर टैक्स लगा कर इसकी फंडिन्ग कर सकती है। आखिरी विकल्प यह कि सरकार यदि आधा प्रतिशत बैक ट्रान्जेक्शन टैक्स ( बीटीटी ) लगाती है यानी सौ रुपये पर महज पचास पैसा तो रिजर्व बैंक के वर्तमान आंकडे के हिसाब से इससे उसे नौ लाख करोड मिल जाऐगे।

देशमुख जी ने बताया कि इस सम्मान निधि योजना से गावों को जबरदस्त लाभ होना है। किसानों की आत्महत्या उसी दिन से बंद हो जाएगी । चूंकि इसमें आरक्षण का सवाल ही नहीं है तो हर जाति और धर्म से जुडे शख्स के पास यह राशि पहुंचेगी। नक्सलवाद, सम्प्रदायवाद और आतंकवाद इतिहास हो जाएगे। जम्मू कश्मीर में तो इसका सबसे ज्यादा सकारात्मक असर होगा।

सरकार यदि इच्छा शक्ति दिखाते हुए सम्मान निधि प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लेती है तो इसको लागू करने की दिशा में अर्थ क्रान्ति ट्रस्ट सरकार के नीति आयोग के साथ बैठ कर मार्ग दर्शन कर सकता है। दस करोड को पहुंचने वाला यह लाभ किसी भी सरकार के लिए गेम चेन्जर साबित होगा।

नेशन टुडे डाट काम पोर्टल के एडिटर इन चीफ श्री पदम पति शर्मा जी के इस सवाल पर कि आप इसको वोट बैंक की तरफ कैसे ले जाएंगे, जवाब में विजय देशमुख और वेबिनार में भाग्यवश मौजूद अर्थ क्रांति के प्रवर्तक अनिल बोकिल जी ने बताया कि हमने केवल महाराष्ट्र के लातूर जिले में ही लगभग 80 हजार लोगों का रजिस्टर बना लिया लिया है जो इस प्रस्ताव बहुत खुश हैं। आगे चलकर यह संख्या आठ से दस करोड भी हो सकती है।

इस वेबिनार में श्री अनिल बोकिल जी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के असिस्टेंट सॉलीसीटर जनरल श्री चेतन शर्मा एडवोकेट , आनंद सिंह एडवोकेट, पार्थ भट्टाचार्य, दिल्ली दूरदर्शन के शैलेंद्र मिश्रा ,श्री आनंद कुमार सिंह , श्री दीपक संपादक शाम की झलक और अरुण कुमार मुख्य संपादक लोकमत महाराष्ट्र भी जुड़े हुए थे। इन सभी ने विजय जी से सवाल पूछ कर अपनी शंका का निवारण किया। हमेशा की तरह से आईटी कानपुर के रवि पांडेय ने अपनी विशिष्ट शैली से इस वेबिनार का बेहतरीन संचालन किया।

श्री आनंद कुमार सिंह और एबी फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी सीके मिश्रा जो कि चार्टर्ड अकाउंटेंट भी है ने भी कई सवाल जोर से दागे उन्होंने कहा कि क्या इसका असर नौजवानों के संस्कार पर तो नहीं पड़ेगा इसमें सभी लोगों के जवाब मिले-जुले रहे। लोगों का कहना है कि अगर ऐसा हो गया तो लोगों के भावनाओं या संस्कारों में कमी तो नहीं आएगी नवयुवा अपने बूढ़े मां बाप को सरकार के भरोसे छोड़ देंगे।

अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News

( उत्तराखंड की नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)

Previous
Next
Loading...
Follow us on Social Media