उत्तराखंड : जब देर रात रुद्रपुर में निकल गई तलवार, एसपी पर हमला और पुलिस का लाठीचार्ज
शुक्रवार देर रात रुद्रपुर में चौराहे पर एक वाहन को रोकने पर जमकर बवाल मचा, अमर उजाला अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार देर रात नो एंट्री में घुसे ट्रक चालक को रोकने और ट्रक चालक के धार्मिक भावना आहत करने के आरोप के बाद फैली अराजकता से शहर में दंगे जैसे हालात बन गए।
हंगामे के चलते करीब तीन घंटे तक शहरवासी जहां दहशत में रहे, वहीं पुलिस प्रशासन ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया। नाराज लोगों की मानें तो पुलिस ने सिख चालक की पगड़ी उतार कर समाज की धार्मिक भवना को आहत किया है। वहीं पुलिस का कहना है कि पगड़ी की आड़ में सिख समाज ने अराजकता का माहौल बनाया।
शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे डीडी चौक पर नो एंट्री में घुसे एक ट्रक को रोकना सीपीयू के लिए उस समय फजीहत बन गया। जब ट्रक चालक के समर्थन में घटनास्थल पर जमा सिख समाज से जुड़े लोग पुलिस के विरोध में उतर आए। इधर मामले को संभालने के लिए पुलिस ट्रक चालक को हिरासत में लेकर कोतवाली पहुंची। उधर सिख समाज के लोग पुलिस पर धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाकर हमलावर हो गए।
मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब भीड़ संभालने में जुटे एसपी क्राइम प्रमोद कुमार पर भीड़ में शामिल एक युवक ने लाठी से हमला कर दिया। पुलिस पर हमला होते देख कोतवाली पुलिस के साथ आसपास के चौकियों की फोर्स भी मौके पर पहुंच गई और लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इससे नाराज बाजार में जमा सिख समाज के लोगों ने उग्र होकर नारेबाजी शुरू कर दी तो पुलिस ने लाठी भांजकर उन्हें खदेड़ा। बवाल देखकर लोगों के जेहन में एक बार फिर सालों पहले रुद्रपुर में हुए दंगे की यादें ताजा हो गई।
ट्रक चालक को रोकने पर पुलिस और पब्लिक के बीच हुए बवाल में पुलिस को तीन घंटे के भीतर करीब सात बार लाठियां भांजकर लोगों को खदेड़ना पड़ा। इस दौरान पुलिस के विरोध में उतरे लोगों के साथ ही बाजार में घूम रहे कई और लोगों को भी पुलिस की कार्रवाई का शिकार होना पड़ा। पूरे मामले में कई नेता भी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई देखकर बैक फुट पर आ गये।
नैनीताल रोड पर सड़क किनारे बसे होटल ढाबों पर शराब परोसने वालों की अनदेखी करना पुलिस को भारी पड़ा। दरअसल जब डीडी चौक से चालक ट्रक लेकर इंद्रा चौक की तरफ भागा तो रोडवेज के पास जाम होने से उसे कुछ देर रुकना पड़ा और इसी दौरान उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। इधर होटल-ढाबों में बैठकर शराब पी रहे लोग मौके पर जमा होकर अराजकता करने लगे।
पूरे मामले में जहां सिख समाज के लोगों का कहना है कि सीपीयू ने चेकिंग के नाम पर ट्रक चालक की पगड़ी उतारकर उसके धर्म का अपमान किया( वहीं पुलिस प्रशासन का दावा है कि ट्रक चालक ने पुलिस पर आरोप लगाने के लिए खुद अपनी पगड़ी उतारी और इसका वीडियो भी पुलिस के पास है।
हंगामे को लेकर भले ही पुलिस और सिख समाज एक दूसरे पर आरोप लगा रहा है, लेकिन सीपीयू को लेकर शहर में पहले भी कई बार विरोध हुआ है। 2018 में ही तीन बार सीपीयू की शहर के लोगों से झड़प हुई और एक मामले में पहले भी सिख समाज के लोगों ने सीपीयू के दरोगा पर बाइक सवार सिख युवक की पगड़ी उतारने का आरोप लगाया था। हालांकि जांच के बाद आरोप निराधार पाया गया।
शहर में फैली अराजकता के कारण जहां शुरुआत में थाना और चौकी पुलिस के साथ पीएसी ने मोर्चा संभाला। वहीं रात बढ़ने के साथ सिख समाज के लोगों को एकत्र होता देख बात बढ़ने की नौबत आ गई। इस पर बाजपुर, गदरपुर ट्रांजिट कैंप, पंतनगर और काशीपुर से भी पुलिस फोर्स बुलाकर बाजार में तैनात की गई। साथ ही दमकल वाहन, सीमा सुरक्षा बल, डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते को भी शहर में चप्पे- चप्पे पर मुस्तैद किया गया।
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Mirror News