World Environment Day 2021 : जब सहारनपुर से दिखने लगीं हिमालय की चोटियां, प्रदूषित दुनिया के लिए एक बड़ा संकेत
हिमालय की पहाड़ियां काफी संवेदनशील होती है, थोड़ा सा तापमान बढ़ा नहीं कि ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। इन पहाड़ियों को थोड़ा छेड़ा नहीं कि पहाड़ टूटने लगते हैं, उच्च हिमालई इलाकों में मौजूद बुग्यालों में अगर कहीं आपने थोड़ा खोद दिया तो ये सालों तक घाव की तरह रहता है, उस जगह पर कोई घास नहीं होती।
चौड़ी पत्ती वाले पेड़ खत्म होने लगे, चीड़ के पेड़ों ने इनकी जगह ले ली, नतीजा यह हुआ कि बारिश असंतुलित होने लगी, जिसकी परिणिति समय-समय पर बादल फटने के रूप में देखी जा सकती है। बढ़ता प्रदूषण तापमान को बढ़ा देता है, यही कारण है कि हिमालई इलाकों में स्नोलाइन अब काफी ऊपर पहुंच चुकी है। हिमालय संकेत भी देता है, ऐसा ही एक संकेत हम आपको बताते हैं। जब कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से हिमालय की चोटियां साफ नजर आने लगीं।
दरअसल कुछ हुआ यूं कि कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण प्रदूषण का स्तर काफी कम था, उस पर बारिश भी हो गई और लोगों को सहारनपुर से हिमालय की चोटियां दिखने लगीं। कुछ तस्वीरें हम यहां साझा भी कर रहे हैं। संकेत साफ है की प्रकृति को अगर मनुष्य नहीं समझ पाया तो एक दिन न हिमालय रहेगा और न ही हिमालय के आंचल में सजी अद्वितीय खूबसूरती। इसलिए जरूरत इस बात की है कि वक्त रहते प्रकृति के संकेतों को समझ लिया जाए, कहीं ये खूबसूरत पहाड़ पीछे इतिहास में न छूट जाएं।
अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News
( उत्तराखंड की नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)