उत्तराखंड के शहरों में अब होगी टनल पार्किंग, मसूरी में निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, जानिए क्या होती है टनल पार्किंग
29 June. 2023. Dehradun. उत्तराखंड के शहरों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने के साथ ही और यहां स्थानीय लोगों के द्वारा वाहन खरीद में हो रही बढ़ोतरी के साथ ही पार्किंग की समस्या बढ़ने लगी है। इसी को देखते हुए अब उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में टनल पार्किंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
दरअसल पहाड़ों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में खासकर पहाड़ी इलाकों में वाहनों के लिए पार्किंग की जगह खोजना काफी मुश्किल हो जाता है, इसी को देखते हुए अब पहाड़ों में टनल बनाकर पार्किंग की शुरुआत की जा रही है, ऐसी ही एक पार्किंग मसूरी में बन रही है। बुधवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू ने उत्तराखंड में पार्किंग की समस्या को लेकर एक समीक्षा बैठक की। मुख्य सचिव ने टनल पार्किंग की दिशा में भी तेजी से प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टनल पार्किंग पर्वतीय नगरों की जाम की समस्या से निजात दिला सकती है। उन्होंने कैम्पटी, मसूरी में बनायी जा रही प्रदेश की पहली टनल पार्किंग के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण में तेजी लाने के लिए इसे स्टेट बजट से फंडिंग की जाएगी। उन्होंने टनल पार्किंग में सुरक्षा, पैदल चलने वालों की सुविधा और डिजाईन पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इसकी सफलता के बाद प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में इस प्रकार की पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के कारण और लगातार पर्यटन गतिविधियों के बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में तेजी से उछाल आया है। इससे प्रदेश के पर्वतीय पर्यटक स्थ्लों में पार्किंग की समस्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों में आवश्यकता के अनुरूप छोटी-छोटी एवं ज्यादा संख्या में पार्किंग्स बनायी जानी चाहिए। कहा कि प्रदेश के हित में सबसे किफायती पार्किंग रोडसाईड पार्किंग हैं, जिन्हें रोड से 100-200 मीटर नई सड़क काटकर या सड़क को थोड़ा अधिक चौड़ा करके तैयार किया जा सकता है। यदि इसके लिए जगह उपलब्ध न हो तो अन्य प्रकार की पार्किंग्स पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन को पार्किंग निर्माण कार्योें की प्रगति की समीक्षा पाक्षिक रूप से किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पार्किंग्स बनाते समय सुरक्षा के प्रबन्धों में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थलों के एंट्री एवं एग्जिट पॉईंट पर डिजाईन में किसी प्रकार की खामियां न हों, जिससे पार्किंग शुरू होने के बाद वह स्थान जाम के लिए नया बोटलनेक न बने। बैठक में बताया गया कि कैटेगरी ‘ए‘ एवं ‘बी‘ में कुल 169 पार्किंग्स चिन्हित की गयी हैं, जिसमें से 113 की डीपीआर शासन को प्राप्त हो गयी हैं।
दरअसल टनल पार्किंग में पहाड़ों में टनल बनाकर पार्किंग की व्यवस्था की जाती है, मसूरी में एक टनल पार्किंग का कार्य निर्माणाधीन है जबकि उत्तरकाशी, नैनीताल, टिहरी, पौड़ी और राज्य के दूसरे जिलों में भी कई स्थान पर इस तरह की पार्किंग बनाने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। (Cover photo is representative only)
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