Uttarakhand मोती सिंह नेगी की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि, भारत छोड़ो आंदोलन में जेल गये थे
उत्तराखंड के रामनगर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, 99 साल के मोती सिंह नेगी की पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि कर दी गई है। मोती सिंह नेगी का शुक्रवार को देहांत हो गया था। अंतिम संस्कार के दौरान स्वर्गीय मोती सिंह नेगी के शव पर तिरंगा लपेटा गया और उन्हें पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस मौके पर कई सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासन के गणमान्य लोग मौजूद थे।
मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले मोती सिंह नेगी अपने जवानी के दौर में महात्मा गांधी के अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में कूद गए थे, रानीखेत से एक जुलूस लेकर वह झांसी पहुंचे थे, झांसी में उन्हें और उनके साथियों को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था। 6 महीने तक मोती सिंह नेगी जेल में रहे, जेल में उन्हें कई तरह की यातनाएं दी गई, आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया तो वहीं 2008 में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने भी उन्हें सम्मानित किया। मोती सिंह नेगी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं, आजादी के बाद भी तमाम सामाजिक आंदोलनों में उनकी सहभागिता बनी रही।
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