Skip to Content

Uttarakhand मशरूम गर्ल दिव्या रावत भाई सहित गिरफ्तार, पढ़िए क्या है मामला

Uttarakhand मशरूम गर्ल दिव्या रावत भाई सहित गिरफ्तार, पढ़िए क्या है मामला

Closed
by February 12, 2024 News

12 Feb. 2024. Dehradun. मशरूम गर्ल के रूप में मशहूर उत्तराखंड के चमोली जनपद की मूल निवासी दिव्या रावत और उसके भाई को महाराष्ट्र में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुणे पुलिस ने ये कार्रवाई पुणे निवासी जितेंद्र नंद किशोर भाखड़ा की शिकायत पर की है। दिव्या रावत ने देहरादून में भाखड़ा के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे में उसे बचाने के लिए रुपयों की मांग की थी। 

मामला दर असल ये है कि जितेंद्र नंद किशोर भाखाड़ा निवासी मानसलेक भुकुम (पुणे) ने शिकायत दर्ज कराई थी की उनकी कंसलटेंसी फर्म है। जिसे वह घर से ही ऑनलाइन और फोन के माध्यम से चलाते हैं।

2019 में वह उद्योग शुरू करने के दौरान फेसबुक के माध्यम से उनका परिचय दिव्या रावत की बहन शकुंतला रावत से हुआ।  जिसने उन्हें देहरादून में मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दी। बताते हैं कि शकुंतला ने जनवरी 2019 में उन्हें देहरादून के मोथरोवाला में प्रशिक्षण के लिए बुलाया, जहां उनकी मुलाकात दिव्या से हुई। इसी बीच प्रशिक्षण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। और वह पुणे आ गए।

पुलिस ने बताया कि दिसंबर 2019 में पीड़ित के पास दिव्या का फोन आया कि वह उसकी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ सकते हैं। दिव्या ने उन्हें देहरादून बुलाया और रिवर्स माइग्रेशन-2020 प्रोजेक्ट के तहत मशरूम उत्पादन में पार्टनरशिप का प्रस्ताव दिया। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वह प्रशिक्षण के लिए टीम के साथ गुजरात गए। वहां उन्होंने कुछ मशीनें भी खरीदी। इस दौरान टीम में शामिल सदस्यों के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्च उन्होंने ही किया। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 1.20 करोड़ का खर्च आया. इसमें से कुछ रुपए दिव्या ने उन्हें उस समय तो दे दिए पर बाद में बहाने से वापस भी ले लिए। जितेन्द्र नंद किशोर भाखड़ा ने दिव्या से रुपये वापस मांगे तो साल 2022 में देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना में पीड़ित के खिलाफ 77 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया गया।

दिव्या की शिकायत के बाद नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने उन्हें देहरादून बुलाकर गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान वह तीन महीने जेल में रहे । हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर वह बाहर आ गए। बाहर आने के बाद पीड़ित ने पुलिस विभाग से सूचना का अधिकार के तहत अपनी गिरफ्तारी को लेकर जानकारी मांगी तो पता चला कि दिव्या ने मेरठ से बनवाए एक शपथ पत्र (एफिडेविट) के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जांच करने पर शपथ पत्र जांच में फर्जी पाया गया। इसकी शिकायत उन्होंने पुणे के पौंड थाने में की। इसके बाद से दिव्या उनसे समझौते के लिए 32.5 लाख रुपये मांग रही थी। पीड़ित ने दिव्या को 10 लाख रुपये का चेक लेने के लिए पुणे बुलाया। इसके साथ ही पुलिस को भी सूचना दे दी। पुणे में दिव्या और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News

(नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)

Previous
Next
Loading...
Follow us on Social Media