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राज्य के स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति के लिए उत्तराखण्ड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुआ एमओयू, इससे सालाना 200 करोड़ के कारोबार का है अनुमान

राज्य के स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति के लिए उत्तराखण्ड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुआ एमओयू, इससे सालाना 200 करोड़ के कारोबार का है अनुमान

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by October 30, 2024 News

30 October. 2024. Dehradun. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की उपस्थिति में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड सरकार और आईटीबीपी के मध्य समझौता किया गया। वाइब्रेंट विलेज योजना के अन्तर्गत आईटीबीपी की उत्तराखण्ड में तैनात वाहिनी के लिए स्थानीय उत्पादों जिन्दा बकरी/भेड़, चिकन और मछली की आपूर्ति के लिए किये गये समझौता ज्ञापन पर उत्तराखण्ड शासन से सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम और आईटीबीपी से आईजी संजय गुंज्याल ने हस्ताक्षर किये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस समझौते से जहां स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका बढ़ेगी, उन्हें लगेगा कि किसी न किसी रूप में हम देश की सुरक्षा से जुड़े हैं। इससे स्थानीय लोगों का आईटीबीपी के साथ सम्पर्क भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोग देश के प्रहरी हैं। राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आईटीबीपी ब्रांड एंबेसडर की भूमिका में कार्य करेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य के स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में रहे। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी को सब्जियां, दूध, पनीर, अण्डा की आपूर्ति की व्यवस्था भी राज्य से किये जाने की दिशा में योजना बनाई जाए।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुपालकों और मत्स्य पालकों की आजीविका में वृद्धि के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।

इस समझौते से प्रदेश की लगभग 80 से अधिक सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 11 हजार से अधिक पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा। जिसमें प्रमुख रूप से 7 हजार महिलाएं शामिल हैं। भेड़-बकरी पालकों में 10 हजार पशुपालक, कुरकुट की आपूर्ति से लगभग 800 से अधिक एवं मछली आपूर्ति के लिए 500 से अधिक मछली पालकों को इसका लाभ मिलेगा। उत्तराखण्ड में यह पहला मौका है जिसमें इतनी बड़ी संख्या में भेड़, बकरी, मछली एवं मुर्गीपालकों को विपणन हेतु बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे सालाना 200 करोड़ के कारोबार का अनुमान है।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर एवं आईटीबीपी के अधिकारी उपस्थित थे।

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