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Uttarakhand : अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन से पीएम मोदी ने मांगी थी बाल मिठाई, लक्ष्य ने निभाया वादा, पढ़ें पूरी खबर

Uttarakhand : अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन से पीएम मोदी ने मांगी थी बाल मिठाई, लक्ष्य ने निभाया वादा, पढ़ें पूरी खबर

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by May 22, 2022 News

21 May. 2022. New Delhi. हाल ही में भारतीय टीम ने बैडमिंटन का प्रतिष्ठित थॉमस कप जीतकर इतिहास रचा था, थॉमस कप जीतने वाली टीम में अल्मोड़ा के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन भी शामिल थे, थॉमस कप जीतने समय फोन पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने लक्ष्य सेन से बाल मिठाई की मांग की थी।

इसके बाद प्रधानमंत्री आवास में थॉमस कप और उबर कप में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात के दौरान लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री को अल्मोड़ा की बाल मिठाई सौंपी। इस दौरान लक्ष्य सेन और प्रधानमंत्री के बीच काफी दिलचस्प बातचीत भी हुई, आगे पढ़ें क्या बातचीत हुई…..

प्रधानमंत्री : चलिए लक्ष्‍य का मैं पहले तो आभार व्‍यक्‍त करता हूं क्‍योंकि मैंने उसको टेलिफोन पर कहा था बधाई देते समय कि भई मैं तेरे से बाल मिठाई खाऊंगा और वो आज लेकर के आया, तो उसने याद रखा। हां, लक्ष्‍य बताइए।

लक्ष्‍य सेन : जी नमस्‍ते सर! मैं जैसे मैं यूथ ओलंपिक में जब मैं गोल्‍ड मेडल जीता था तब मैं आपसे मिला था और आज दूसरी बार मिल रहा हूं तो मैं यही कहना चाहूंगा कि मैं ऐसे ही और मतलब जब आप मिलते हैं तो हमारा काफी हम लोग motivated feel करते हैं। वो फोन कॉल के बाद भी और जब आप जब भी आप मिलते हैं तो मैं यही चाहूंगा कि मैं ऐसे ही India के लिए मेडल जीतता रहूं और आपसे मिलता रहूं और बाल मिठाई लाता रहूं।

प्रधानमंत्री : अच्‍छा लक्ष्‍य मुझे बताया गया कि तुम्‍हें food poisoning हो गया था वहां?

लक्ष्‍य सेन : जी सर! हम जब पहुंचे थे जिस दिन उस दिन मेरे को food poising हुआ था तो मैं दो दिन के लिए नहीं खेल पाया था but फिर उसके बाद मैं धीरे-धीरे जब Group Stage के matches स्‍टार्ट हुए तब तक थोड़ा better feel कर रहा था तो फिर एक मैच खेला था फिर एक मैच में फिर से rest किया था due to food poising.

प्रधानमंत्री : ये कुछ भी खाने की आदत है कि क्‍या है?

लक्ष्‍य सेन : नहीं सर! वो एयरपोर्ट पर कुछ गलत खा लिया था उस दिन तो शायद उसकी वजह से थोड़ा पेट खराब हो गया था but बाकी के जब tournament आगे बढ़ा तो मैं और दिनभर मतलब एक के बाद एक दिन better feel करता जा रहा था।

प्रधानमंत्री : तो आज देश में छोटे छोटे बच्चों का भी मन करता है की हमें जाना है। तो 8-10 साल के बच्चों के लिए तुम्हारा क्या संदेश रहेगा?

लक्ष्‍य सेन : जी, जैसे की विमल सर ने कहा कि मैं काफी शरारती था और काफी शरारत करता था, तो मैं खुद से तो ये कहना चाहूंगा कि मैं अगर थोड़ा कम शरारत करता और खेलने पर ध्यान देता तो ज्यादा अच्छा था but बाकी लोगों को मैं यही कहना चाहूंगा कि जो भी काम करें दिल से करें और अपना पूरा ध्यान लगा के काम करें।

प्रधानमंत्री – Food poisoning होने के बाद फिजिकल तकलीफ तो हुई होगी लेकिन मानसिक तकलीफ तुम्‍हें बहुत हुई होगी। क्‍योंकि खेल चलता हो, शरीर साथ न देता हो, उस समय तुमने जो बैलेंस रखा होगा ना, कभी आराम से सोचना कि वो कौन सी ताकत थी, वो कौन सी ट्रेनिंग थी कि food poisoning के कारण, physical weakness के बावजूद भी खेल तुम्‍हें चैन से बैठने नहीं देता था। और तुम food poisoning की स्थिति को भी पार करके आए। उस पल को एक बार फिर से याद करना, तुम्‍हारी बहुत बड़ी वो ताकत होगी जो तुमने किया होगा। दस लोगों ने कहा होगा, चिंता मत करो, सब हुआ होगा, लेकिन तुम्‍हारे भीतर भी एक ताकत होगी। और मैं समझता हूं कि, और दूसरा ये तुम्‍हारा जो नटखटपन है ना छोड़ो मत इसको, वो तुम्‍हारी जिंदगी की एक ताकत भी है। इसे जीओ, मस्‍ती से जिओ। चलिए, बहुत-बहुत बधाई।

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