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त्रिवेन्द्र सरकार के तीन साल पूरे, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण नहीं हो रहा कोई आयोजन, विपक्ष भी क्वारनटाइन में

त्रिवेन्द्र सरकार के तीन साल पूरे, कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण नहीं हो रहा कोई आयोजन, विपक्ष भी क्वारनटाइन में

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by March 18, 2020 News

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को 3 साल पूरे हो गए हैं, हाल ही में गैरसेंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार अपने 3 साल के कार्यकाल के समय बड़े आयोजनों के जरिए जनता तक अपनी उपलब्धियों को पहुंचाने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी थी, लेकिन देश में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव और उत्तराखंड में बरती जा रही सावधानियों को देखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने अपने सभी आयोजन रद्द कर दिए। जहां उत्तराखंड में समय-समय पर सरकारें और मुख्यमंत्री बदलने का इतिहास रहा है, वहीं पिछले 3 साल से लगातार पद पर काबिज रह कर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बना लिया है। इस सबके बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर सहयोग के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को नमन किया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन साल पहले आप सभी के आशीर्वाद से जब हमने सरकार सम्भाली, यहाँ के नीति निर्माण में उत्तराखण्ड राज्य की मूल भावना का अभाव था। हमने आते ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। हाल ही में गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र राज्य के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय राज्य आंदोलनकारियों, माताओं-बहनों को समर्पित है। Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat ने कहा कि हमने प्रदेश की महान जनता से कुछ वायदे किए थे। मैं आज पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि हमने इन तीन साल में ही 70 फीसदी वायदे पूरे कर दिए हैं। हम अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम काम में विश्वास करते हैं। हमारी सरकार के ये तीन साल, विकास के तीन साल रहे। हमारा ध्येय वाक्य रहा है,  बातें कम -काम ज्यादा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से  हमारी सरकार के तीन साल में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे।

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 3 साल के कार्यकाल के दौरान, इतिहास में राज्य का सबसे कमजोर विपक्ष देखने को मिला, उत्तराखंड में नेतृत्व और जनसमर्थन के अभाव के कारण हाशिए पर चली गई कांग्रेस ने भी कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार के 3 साल के कार्यकाल के पूरा होने के मौके पर सरकार के विरोध में किए जाने वाले अपने सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिये हैं। कुल मिलाकर बीजेपी में बिना किसी अंतर्विरोध के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य में 3 साल पूरे कर चुके हैं, उत्तराखंड की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने कई अद्वितीय योजनाओं पर काम भी किया है और अगले 2 साल में रावत सरकार की सबसे बड़ी चुनौती इन योजनाओं को जमीन पर पूरा कर जनता के सामने अपने कामकाज को इतिहास में रही बाकी सरकारों से अलग और उत्कृष्ट दिखाने की होगी। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें….Mirror Uttarakhand News

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