उत्तराखंड कैबिनेट फैसले : खेल नीति को मंजूरी, भोजन माताओं और पीआरडी जवानों के लिए खुशखबरी, पढ़ें सभी फैसले
23 Nov. 2021. Dehradun : मंगलवार को देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, बैठक में राज्य की खेल नीति को मंजूरी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। आगे पढ़िए महत्वपूर्ण फैसले….
- उत्तराखंड खेल नीति को केबिनेट से मंजूरी मिली। खेल नीति के महत्वपूर्ण बिंदु अंत में पढ़िए।
- भोजन माताओं का मानदेय 2000 से बढ़ाकर 3000 रुपए करने को मंजूरी।
- पीआरडी जवानों के मानदेय में भी 2100 रुपये की वृद्वि को मंजूरी।
- राशन डीलरों को प्रति कुंतल 50 रुपये दिया जाएगा मुनाफा।
- स्वास्थ्य विभाग में लैब, एक्सरे टेक्नीशियन की नौकरी के लिए अनुभव की बाध्यता समाप्त।
- प्रदेश में पार्किंग के अलग-अलग टाइप्स को मंजूरी।
- SC/ST और BPL परिवारों को 3.12 एकड़ तक की भूमि के विनयमिकरण शुल्क माफ।
- बद्रीनाथ मास्टर प्लान में ध्वस्त होने वाले मकानों को सहमति से अलग-अलग मानकों पर दिया जाएगा मुवावजा, आवास की मांग करने वालो को दिया जाएगा आवास।
- लीज की जमीन पर भी होम स्टे को मंजूरी।
- उत्तराखंड में विधुत लाइन के नीचे आने वाली भूमि को भी मुआवजा मिलेगा।
- उत्तराखंड राज्य के न्यायालयों में अब मोबाइल कोड के जरिये भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भी पेशी हो सकेगी।
- उत्तराखंड में मेगा इंडस्ट्रियल नीति लागू की गई, वित्तीय प्रोत्साहन नीति भी लागू। उत्तराखण्ड में मेगा टेक्सटाइल पार्क पॉलिसी में विस्तार।
- लॉकडाउन में बंद शराब की दुकानों के राजस्व की वापसी को मंजूरी।
- एयरपोर्ट पर भी अब डिपार्टमेंटल वाइन स्टोर को मंजूरी, विदेशी शराब की दुकान खुल सकेगी।
खेल नीति 2021 मुख्य बिन्दु:
प्रतिमा श्रृंखला विकास: खेल प्रतिभाओं को आरम्भिक आयु 08 वर्ष से ही पहचानने एवं उनको तराशने हेतु प्रतिभा श्रृंखला विकास योजना PSAT (Physical and Sports Aptitude Test) को लागू किया जायेगा। • उच्च प्राथमिकता वाले खेलों हेतु Center Of Excellence स्थापित किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना : राज्य के उदीयमान खिलाडियों को प्रतिवर्ष आवश्यक बैड़ी टेस्ट एवं उसकी दक्षता की मैरिट के आधार पर 08 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं प्रति जनपद 150-150 प्रति जनपद अर्थात पूरे राज्य में 1950 बालकों एवं 1950 बालिकाओं कुल 3900 उदीयमान खिलाडियों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना अन्तर्गत धनराशि रू0 1500 प्रतिमाह उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना: राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को उनकी खेल सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति से उन्हें खेलों में और अधिक मनोयोग से प्रतिभाग करने हेतु 14 वर्ष से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैकसूट एवं खेल संबंधी अन्य उपस्कर आदि उपलब्ध कराये जाएंगे। प्रतिवर्ष यह सुविधा प्रति जनपद 100-100 ( कुल 2600) प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को प्रति खिलाड़ी रू० 2000 प्रतिमाह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जायेगी एवं खेल उपस्कर हेतु प्रतिवर्ष धनराशि रू0 10 हजार की सीमा तक मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।
खिलाड़ियों को Out of Turn नियुक्ति ;राज्य की सेवाओं में उच्च स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को समूह ख एव ग में चयनित विभागों के चयनित पदों पर out of Turn नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जायेगा।
मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना: राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने हेतु निजी क्षेत्र द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, खेल अकादमी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी।
खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की वृद्धि: प्रतिवर्ष पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि में प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी।
खिलाड़ियों हेतु दुर्घटना बीमा एवं आर्थिक सहायता 30 प्रतिशत से 50: राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण एवं राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के समय होने वाली खेल दुर्घटनाओं / खेल इन्जरी एवं अन्य खेल आकरिमकताओं के दृष्टिगत बीमा आर्थिक सहायता खेल द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।
राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा: राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को राज्य / राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा प्रशिक्षण शिविरों में प्रतिभाग करने हेतु राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा हेतुसुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास: ग्राम पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक एवं विद्यालय / महाविद्यालय स्तर तक कमबद्ध रूप से खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जायेगा जिससे राज्य खेल ग्रिड का निर्माण होगा।
खेल विकास संस्थान की स्थापना: राज्य के खिलाड़ियों प्रशिक्षकों एवं निर्णायकों के कौशल विकास हेतु खेल विकास संस्थान की स्थापना की जायेगी। जिसके अन्तर्गत वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण एवं शोध हेतु खेल विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जायेगी।
शैक्षणिक संस्थानों में स्पोर्ट्स कोटा: राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को शैक्षणिक, तकनीकी एवं विश्वविद्यालय आदि में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत का खेल कोटा उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना
राज्य में खेलों के अवस्थापना सुविधाओं के विकास संचालन, अनुरक्षण खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं खेलों से जुड़े विविध कार्यों हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि विकसित की जायेगी।
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