उत्तराखंड – राजधानी में ही महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने में असफल होती त्रिवेंद्र सरकार
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुफीद नहीं है, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यहां पर महिलाओं से दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे हैं , शहर में सेक्स रैकेट के मामले भी काफी सामने आ रहे हैं और शहर में एस्कॉर्ट सर्विस देने वाली वेबसाइट की संख्या भी काफी मौजूद है! पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगातार बढ़ते मामले पुलिस और राज्य सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं! महिला अपराधों के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो यहां हर महीने 10 के करीब महिलाएं दुष्कर्म का शिकार होती हैं, 2017 में जहां 72 महिलाओं से दुष्कर्म के मामले सामने आए थे वही 2018 में यह मामले 110 हो चुके हैं! शारीरिक शोषण के मामले 14 से बढ़कर 24 हो चुके हैं, अपहरण के मामले 15 से बढ़कर 27 हो चुके हैं ! हत्या के मामले पांच से बढ़कर 12 हो चुके हैं और छेड़खानी के मामले 15 से बढ़कर 27 हो चुके हैं!
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस की ओर से कहा गया है कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि इस वक्त पुलिस रिपोर्ट लिखने में तत्परता दिखा रही है और आंकड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस का यह तर्क सही नहीं बैठता ! सरकारी आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैंं कि उत्तराखंड की राजधानी महिला सुरक्षा के हिसाब से मुफीद नहीं है । कुछ इसी तरह का आलम राज्य के अन्य मैदानी शहरों का भी है ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपनी आधी आबादी की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर फिर एक बार सोचे।
Mirror News