युद्ध में पराजित हुए लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में कारगिल विजय दिवस के समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे। गौरतलब है कि 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 20 साल पहले कारगिल की चोटी पर पाकिस्तान को परास्त कर हमारे वीर जवानों ने करगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया था। 1999 में दुश्मन देश को धूल चटाकर अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर शहीदों की याद में विजय दिवस मनाया जाता है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘हिमाचल प्रदेश के बेटे परमवीर चक्र से सम्मानित जम्मू-कश्मीर राइफल्स के कैप्टन विक्रम बत्रा ने कहा था, ‘ ये दिल मांगे मोर’ ये बात उन्होंने खुद के लिए नहीं, एक धर्म, एक भाषा या जाति के लिए नहीं कहा। उन्होंने यह बात मां भारती के लिए, संपूर्ण भारत के लिए कही थी।
पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने कहा था कि हमारे पड़ोसी को लगता था कि कारगिल को लेकर भारत प्रतिरोध करेगा, विरोध प्रकट करेगा और तनाव से दुनिया डर जाएगी। लेकिन हम जवाब देंगे, प्रभावशाली जवाब देंगे उसकी उम्मीद उनको नहीं थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध में पराजित हुए लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा ‘पिछले 5 वर्षों में, हमारे सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई अहम फैसले लिए गए। हमारे सरकार ने OROP को लागू करने का निर्णय लिया, जो दशकों से लंबित था। इस बार हमारी सरकार बनने के बाद, हमने शहीदों के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ाने का निर्णय लिया।
पीएम मोदी ने कहा ‘मैं 20 साल पहले कारगिल गया था जब युद्ध अपने चरम पर था, दुश्मन ऊंची चोटियों पर था। मौत सामने थी, लेकिन हमारे जवान तिरंगा के साथ सबसे पहले घाटी पहुंचना चाहते थे।’ पीएम ने कहा कि करगिल में विजय हमारे बेटों और बेटियों की बहादुरी की जीत थी। यह भारत की ताकत और धैर्य की जीत थी। यह भारत की पवित्रता और अनुशासन की जीत थी। यह हर भारतीय की उम्मीदों की जीत थी।
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