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उत्तराखंड : जल प्रलय में तबाह घर, बिलखते बच्चे ने डीएम की भी आंखें गीली की, ऐसा क्या कहा पढ़िए

उत्तराखंड : जल प्रलय में तबाह घर, बिलखते बच्चे ने डीएम की भी आंखें गीली की, ऐसा क्या कहा पढ़िए

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by June 4, 2019 News

रविवार को उत्तराखंड के चमोली और अल्मोड़ा में बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कई घर इस जल प्रलय में तबाह हो गए हैं। इस तबाही के बाद प्रशासन ने अपना काम शुरू कर दिया और जितना हो सके लोगों को राहत पहुंचाई जा रही है। लेकिन कई लोगों के घर उजड़ गए हैं, दुकानें बर्बाद हो गई हैं, खेती की जमीन मलबे से पट गई है और चारों ओर दिखाई दे रहा है तो सिर्फ दुखों का पहाड़। इस सब के बीच उत्तराखंड के अखबारों में घटना स्थलों से बड़ी ही मार्मिक दास्तान सामने आ रही है।

अमर उजाला अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार अल्मोड़ा के जल प्रलय प्रभावित खीड़ा अंतर्गत जुकानी के नौ साल के स्कूली बच्चे कुलदीप नेगी ने डीएम नितिन भदौरिया को बताया कि ” डीएम अंकल मेरा स्कूल बैग, किताबें और कपड़े सब कुछ बह गया है।” कुलदीप नेगी ने जैसे ही डीएम नितिन भदौरिया से ये बात कही तो वह भी भावुक हो गए। उन्होंने बच्चे को गले से लगाते हुए सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि वह किसी प्रकार की चिंता न करे वह उसे और उसके परिवार को कोई परेशानी नहीं होने देंगे। उन्होंने उसे पांच हजार रुपये दिए, जिन्हें उसने अपने पिता के जेब में डाल दिया। यह दृश्य देख वहां पर मौजूद सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि भावुक हो गए।

रविवार को बादल फटने से आई आपदा के गुजर जाने के बाद अब खीड़ा, जुकानी और बाजपुर के करीब 52 परिवार खतरे की जद में हैं। इस आपदा में चार मकान बहे हैं। दो पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हैं। कुछ मकान ज्यादा और कुछ कम क्षतिग्रस्त हैं, जबकि 38 घरों में मलबा भर गया है। स्थिति यह है कि उक्त परिवारों के पास रहने के लिए कोई दूसरा ठौर भी नहीं है। सोमवार को राहत कार्य शुरू किया गया। डीएम ने बताया कि प्रभावित परिवारों को मुआवजा बांटा जा रहा है। खीड़ा सहित सभी तोकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। सड़क चालू है। प्रभावितों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था भी की जा रही है। 

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