Uttarakhand डीएम से नहीं देखा गया छात्राओं का दर्द, फिर कर दी ऐसी व्यवस्था कि हर कोई कर रहा तारीफ
उत्तराखंड में अपने इलाके के दूर-दराज के गांवों का भ्रमण कर रहे एक जिलाधिकारी को जब लोगों ने बताया कि उनकी बच्चियां मीलों पैदल चलकर अपने कॉलेज और स्कूल जाती हैं, यह सुनकर जिलाधिकारी का दिल पसीज गया, उसके बाद जिलाधिकारी ने एक ऐसा कदम उठाया जिसकी तारीफ पूरे इलाके में हो रही है।
दरअसल नैनीताल में विगत 4 दिसम्बर को खलाड़ में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर में जिलाधिकारी सविन बंसल को क्षेत्र के लोगो ने बताया कि खलाड़ एवं तड़ी की छात्राओं को पढाई करने के लिए सिमलखा इण्टर काॅलेज जाना पडता है। वाहन की सुविधा ना होने के कारण छात्राओं को मीलों पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। अगर इण्टर काॅलेज जाने के लिए वाहन की व्यवस्था हो जाए तो इन दूर दराज की छात्राओं को सुविधा होगी।
बच्चों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील बंसल ने खलाड़ एवं तड़ी की छात्राओं को सिमलखा इण्टर काॅलेज आने-जाने हेतु वाहन व्यवस्था के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है। बहुउद्देशीय शिविर में प्राप्त इस गम्भीर एवं संवेदनशील समस्या का जिलाधिकारी द्वारा तत्परता से निराकरण कर दिया गया है। बंसल ने मुख्य शिक्षा अधिकारी के.के. गुप्ता को निर्देशित किया है कि छात्राओं के लिए काॅलेज तक आने-जाने के लिए तत्काल वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा किराये के वाहन हेतु धनराशि खण्ड शिक्षा अधिकारी बेतालघाट को तत्काल उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि कक्षा 10 की 6 छात्राओं को बोर्ड परीक्षा अवधि में भी वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जाये। बंसल ने कहा कि शिक्षित बालिका दो परिवारों को रोशन करने का काम करती है। शिक्षित बेटी राष्ट्र एवं समाज का गौरव है।
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