पढ़िए हरिद्वार ही क्यों आते हैं कांवड़िए गंगाजल लेने, आज से शुरू हो गई कांवड़ यात्रा
आज से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो गई है, इस मौके पर पवित्र गंगाजल लेने शिवभक्त हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गए हैं। इसको देखते हुए धर्मनगरी हरिद्वार में पूरी तैयारियां की गई हैं, सुरक्षा और व्यवस्था के स्तर पर पुलिस और प्रशासन की ओर से कावड़ियों की इस यात्रा को सुगम बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
दरअसल सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि पूरे श्रावण मास भगवान शिव अपनी ससुराल राजा दक्ष की नगरी कनखल हरिद्वार में निवास करते हैं। भगवान विष्णु के शयन में जाने के कारण तीनों लोक की देखभाल भगवान शिव ही करते हैं। यही वजह है कि कांवड़ यात्री श्रावण माह में गंगाजल लेने हरिद्वार आते हैं।
इस बार की कावड़ यात्रा को देखते हुए यहां की पुलिस की ओर से कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, कांवड़ यात्रा में आने वाले सभी शिवभक्तों से Uttarakhand Police ने अनुरोध किया है कि- कांवड़ यात्रा पर आने वाले शिवभक्त यात्रा से पहले अपने थाने में अनिवार्य रूप से अपना नाम, मोबाइल नम्बर, समूह के लीडर का नाम, यात्रा हेतु प्रयोग किये जाने वाले वाहन का नम्बर, पहचान पत्र का विवरण जरूर दें, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति में रेस्क्यू व पहचान की जा सके। कावड़ यात्रा के दौरान सभी शिवभक्त अपने साथ आईडी कार्ड (पहचान पत्र) अनिवार्य रूप से रखें, जिससे कि दुर्घटना या किसी के गुम हो जाने पर उसकी पहचान की जा सके।
कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है इसमें हाॅकी, बेसबाॅल, तलवार, नुकीले भाले, लाठी-डंडे आदि साथ लेकर न चलें, कांवड़ यात्रा के दौरान नशीली वस्तुओं का सेवन न करें। यात्रा की पवित्रता बनाये रखें। कांवड़ यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा कृत्य न करें, जिससे आपको परेशानी का सामना करने पड़े। ये जरुर याद रखें पुलिस की नजरें आपके ऊपर है। समस्त कांवड़ क्षेत्र सीसीटीवी एवं ड्रोन कैमरों की निगरानी में है।
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