उत्तराखंड के इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा, गांव वालों को है उनसे एक शिकायत
कोई भी उत्तराखंड को पूरी तरह जानने का दावा नहीं कर सकता, उत्तराखंड में कई सारी ऐसी जगह हैं, जिनके रहस्यों से सभी लोग रूबरू नहीं हैं। आज आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही गांव के बारे में बताते हैं जहां हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती, क्योंकि यहां के लोगों को हनुमान जी से शिकायत है ।
हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के द्रोणागिरि गांव की, द्रोणागिरि गांव उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खण्ड में जोशीमठ नीति मार्ग पर है । ये गांव लगभग 14000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, यहां के लोगों का मानना है कि हनुमानजी जिस पर्वत को संजीवनी बूटी के लिए उठाकर ले गए थे, वह यहीं स्थित था ।
अब चूंकि यहां से हनुमान जी इनका पर्वत लेकर गए, इसलिए इस गांव के लोग हनुमान जी से नाराज रहते हैं। दरअसल इस गांव में पर्वत को स्थानीय देवता माना जाता है, कहते हैं कि हनुमान जी जब यहां संजीवनी लेने आए थे तो उन्हें संजीवनी की पहचान नहीं थी और सही पर्वत की भी नहीं । उन्होंने गांव की एक महिला से पूछा था और उस महिला ने हनुमान जी को वो पर्वत बता दिया जिसमें संजीवनी बूटी थी । हनुमान जी जल्दबाजी में पूरा पर्वत ही उठा ले गए थे, यही कारण है कि आज भी इस गांव में जब पर्वत देवता की पूजा होती है तो महिलाओं को पूजा से दूर रखा जाता है ।
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