उत्तराखंड : यहां पिछले कुछ महीनों से बर्फ में बदली हुई है एक नदी, प्रशासन और लोग परेशान
उत्तराखंड में इस बार उंचे पहाडों पर जम कर बर्फबारी हुई, कई जगहों पर अब भी बर्फ का भारी असर है, हिमालय से सटे इलाको में अभी भी काफी बर्फ जमी हुई है, अमूमन लोगों का मानना है कि अभी तक बर्फ पिघल जाती थी, लेकिन इस बार भारी बर्फबारी होने के कारण इसका असर अभी भी देखा जा रहा है । यहां एक नदी काफी लंबी दूरी तक जम गई थी और वो अभी भी काफी जमी हुई है । इस नदी के जमने से लोग काफी परेशान हैं, क्योंकि आगे के गांवों में जाने का रास्ता नदी के किनारे है, जो बुरी तरह जमा हुआ है ।
हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से सटे जोहार घाटी की, यहां बहने वाली गोरी नदी अभी भी कई किलोमीटर तक जमी हुई है, लास्पागाड़ से नहर देवी तक नदी अभी भी जमी हुई है ( आपको बता दें की जमी नदी के तले में पानी बहता रहता है ) । इलाके के लोगों का कहना है कि इस बार कई सालों के बाद नदी जमी और अभी जून आने को है, लेकिन नदी पिघली नहीं है, बर्फ के कारण जोहार घाटी में कई जगह रास्ता भी खराब हो गया है जिससे मिलम और लिलम गांव जाने वालों को इस बार परेशानी हो रही है ।
लोनिवि के जेई महेश कुमार ने लास्पा गांव तक यात्रा कर बताया कि लास्पागाड़ से नहरदेवी तक छह किमी क्षेत्र में गोरीगंगा जमी हुई है। दरअसल मिलम, टोला, मर्तोली, लास्पा, नहर देवी और सीमा का अंतिम गांव दुंग तक माइग्रेशन के दौरान ठंड के सीजन में लोग निचले इलाकों में आते हैं जो इस महीने वापस अपने गांवों में जाते हैं। इस बार ये पूरा इलाका बर्फ से पटा हुआ है। लोक निर्माण विभाग बर्फ के ऊपर रास्ता बनाने की कोशिश कर रहा है । कुछ ऐसे ही हालात इस बार धारचूला से दारमा, ब्यास और चौदास घाटी को माइग्रेशन के दौरान जाने वाले लोगों को भी झेलने पड़ रहे हैं, लोग अपने गांवों में नहीं जा पा रहे हैं । Cover image is representative only.
( उत्तराखंड के नंबर वन न्यूज और व्यूज पोर्टल मिरर उत्तराखंड से जुड़ने और इसके अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें )