उत्तराखंड – पहाड़ों पर जाएगी रेल और केदारनाथ मंदिर जैसा होगा इसका पहला रेलवे स्टेशन
रेलवे ने ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन को हकीकत में जमीन में उतारने के प्रयास शुरू कर दिए हैं, इस रेल लाइन को रेलवे 2024 तक पूरा करना चाहता है और रेलवे की कोशिश है कि 2025 में पहाड़ में रेल दौड़ने लगे ! रेलवे की ओर से बताया गया है कि ऋषिकेश और कर्ण प्रयाग के बीच में जितने भी स्टेशन होंगे उन्हें उत्तराखंड के मंदिरों और पारंपरिक घरों की तरह डिजाइन किया जाएगा । इस लाइन का पहला रेलवे स्टेशन न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन होगा, जिसको केदारनाथ मंदिर की तरह बनाने का काम जोर शोर से चल रहा है। रेलवे की ओर से न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का डिजाइन सार्वजनिक किया गया है जिसको केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति की तरह बनाया जा रहा है।
इस रेलवे स्टेशन का काम इस वक्त जोर शोर से चल रहा है और अगले कुछ महीनों में इसके बन जाने की पूरी उम्मीद है । इस परियोजना में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 126 किलोमीटर लंबी रेल लाइन विछनी है, जिसमें से 21 किलोमीटर रेल लाइन जमीन पर होगी और 105 किलोमीटर रेल लाइन सुरंगों के जरिए भूमिगत होगी । ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस परियोजना पर 18 सुरंगें बननी हैं, जिनकी लंबाई करीब 205 किमी होगी। यही वजह है कि वन विभाग ने इस परियोजना के लिए 173.0313 हेक्टेयर भूमि धरातल पर और 327.5683 हेक्टेयर भूमि भूमिगत स्थानांतरित की है। ये रेल लाइन 16216.31 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है।
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Mirror News