उत्तराखंड – बड़े घोटाले का खुलासा, अधिकारियों पर होगा मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड की बहुचर्चित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत ऋण देने में 2003 से 2011 के बीच बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, योजना में 2003-04 से 31 मई 2011 तक कुल 252 लोगों को ऋण मंजूर किया गया था, योजना की शर्त ये थी कि बेरोजगार होने के साथ ही राज्य का स्थायी निवासी ही आवेदनकर्ता होना चाहिए, किसी बैंक से डिफॉल्टर घोषित नहीं होना चाहिए, जिला स्तरीय योजना क्रियान्वन एवं अनुश्रवण समिति लाभार्थियों का चयन करेगी। लेकिन खुलासा हुआ है कि लोन देने में सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गयी ।
ये जानकारियां अधिवक्ता अरुण भदौरिया को आरटीआई के जरिये मिली जानकारी में मिली हैं,
252 लाभार्थियों की सूची में ज्यादातर नेताओं, विधायकों और आयकर दाता बड़े-बड़े लोगों के नाम शामिल हैं । रुड़की से वर्तमान में बीजेपी विधायक तत्कालीन कांग्रेस विधायक प्रदीप बत्रा करोड़पति हैं, मगर उन्होंने अपनी पत्नी को गरीब और बेरोजगार दर्शाकर 10 लाख रुपये का लोन ले लिया, एक विधायक ने अपने बेटे के लिए लाखों का लोन लिया, भाजपा नेता और राज्य के एक ताकतवर मंत्री की करीबी हरिद्वार में वर्तमान में उपभोक्ता फोरम की सदस्य अंजना चड्ढा ने भी 22 लाख का लोन ले लिया । लोन लेने वालों में कई लोग तो उत्तराखंड के नागरिक भी नहीं हैं ।
इस जानकारी के बाद अरुण भदौरिया ने कोर्ट में मामला दायर किया, जिस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज एसडी रंजनी शुक्ला ने रानीपुर कोतवाली को मामले में मुकदमा दर्ज कर पूरे प्रकरण की विवेचना करने के आदेश दिए हैं , 2003 से 2011 तक के तत्कालीन डीएम, सीडीओ, महाप्रबंधक, बैंक अधिकारियों, पर्यटन अधिकारी सहित कई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए गए है।
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