Skip to Content

उत्तराखंड में सरकारी कंपनी 164 करोड़ रुपये फालतू खर्च करने की कर रही है तैयारी

उत्तराखंड में सरकारी कंपनी 164 करोड़ रुपये फालतू खर्च करने की कर रही है तैयारी

Be First!
by November 28, 2018 News

देहरादून। इसे पिट्कुल की नासमझी कहें या समझदारी ,सरकार की यह कंपनी कैसे जनता की गाढ़ी कमाई को कैसे चूना लगाती है इसका जीता जागता उदाहरण है सेलाकुई इलाके में लगने वाला 220 के बी का सब स्टेशन जिसके लिए जल्दही टेंडर जारी होने वाले हैं। सवाल उठ रहे हैं कि जब इस इलाके में 220 के बी का एक सब स्टेशन पहले से ही काम कर रहा है तो इस सब स्टेशन की क्यों एका एक जरुरत आन पड़ी। सूत्रों केअनुसार 164.46 करोड़ की लागत से बनने वाले इस सब स्टेशन का निर्माण सेलाकुईं इलाके में होगा।

इसमें 55 से 60 करोड़ की लागत से मोनोपोली कबेलिंग करने के बाद लाइने बिछाई जायेंगी। इसके बाद 50-50 के बी के 2 पॉवर ट्रांसफार्मर लगाकर सेलाकुई औधोगिक क्षेत्र की बिजली की जरूरतों को पूरा करेगा। सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र को इस प्रकार के सब स्टेशन की जरुरत है ही नहीं,क्यूंकि तीन साल पहले ही झाजरा में 220 के बी का उप केंद्र बनाया गया है। जिसकी लागत लगभग 60 करोड़ थी। यहाँ बर्तमान में 80 के बी के ट्रांसफारमर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

जानकारो की अगर बात करें तो सेलाकुई औधोगिक क्षेत्र के लिए 120 के बी की ही लाइन काफी है। आने वाले 5 सालो में भी यह लाइन इस इलाके की जरुरत को पूरा कर सकती है। इसके अलावा झाझरा सब स्टेशन के पास 4 एकड़ भूमि है जिसमें जरुरत पड़ने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव किये जा सकते हैं। शासन व पिट्कुल की लापरवाही का नमूना है कि आज भी 80 के बी के पॉवर ट्रांसफार्मर का काम अधर में लटका हुआ है। पिट्कुल के प्रबंध निदेशक की अगर माने तो झाझरा से सेलाकुई लगभग 15 किलोमीटर है,जिस कारण लोड के कारण फाल्ट की संभावना हर वक्त बनी रहती है।

इसी कारण नया उप स्टेशन बनाया जा रहा है, ताकि सेलाकुई इलाके को पर्याप्त बजली मिल सके। सेलाकुई में बनने वाला 220 के बी का सब स्टेशन अगले 1 साल में बनकर तैयार हो जायेगा। इससे खोदारी- झांजरी लाइन से जोड़ा जायेगा, इस पर 55 से 60 करोड की मोनोपोली केबलिंग की जाएगी । सूत्रों के अनुसार सेलाकुई की औधोगिक इकाईया सरकार पर दबाब डाल रही हैं कि यदि 2019 तक यह सब स्टेशन सेलाकुईं में नहीं बना तो सभी इकाइयां अपने को वहां से शिफ्ट कर लेंगी।

गौरतलब है कि प्रदेश के कई इलाको में खासकर रूडकी, ऋषिकेश ,गड़वाल,कुमाऊ इलाको में भी 220 के बी के ही सब स्टेशनों से ही काम चल रहा है तो सेलाकुई में इतनी बिजली का क्या प्रयोजन है। सरकारी कंपनी पिट्कुल की कारिस्तानी तो काबिले तारीफ है, जिन्होंने 27 सितम्बर 2018 की बैठक में बिना उर्जा सचिव व चेयरमैन के ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान राधिका झा देहरादून से बाहर थी। जबकि उस दिन मीटिंग की अध्यक्ष्ता कर रहे चेयरमैन जे एल बजाज ने भी राधिका झा की स्वीकृति लेने की बात की थी।

साभार ntinews.com

(हमसे जुड़ने के लिए CLICK करें और हमारे फेसबुक पेज को LIKE या Follow करें )

( आप भी अपने विभिन्न विषयों पर आर्टिकल हमें mirroruttarakhand@gmail.com पर भेजें )

Previous
Next

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Loading...
Follow us on Social Media