उत्तराखंड – यहां धड़ल्ले से चल रहे हैं नेपाली सिम कार्ड, राष्ट्रीय सुरक्षा को हो सकता है खतरा
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में नेपाल से सटे कई ऐसे दुर्गम इलाके हैं जहां भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के सिग्नल काम नहीं करते हैं। इससे परेशान होकर लोग यहां नेपाल की टेलीकॉम कंपनियों के सिम खरीदते हैं और उसे अपने मोबाइल में डालकर इसका धड़ल्ले से उपयोग करते हैं । हैरानी की बात यह है कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के सिग्नल जहां काम नहीं करते, वहीं नेपाली टेलीकॉम कंपनियों के सिग्नल यहां काफी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।
चंपावत जिले में पच्चेश्वर से लेकर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और झूलाघाट के बीच में नेपाल से सटी दुर्गम पहाड़ी सीमा पर भारत में टेलीकॉम कंपनियों की उपस्थिति ना के बराबर है, यहां तक कि यहां बीएसएनएल के सिग्नल भी नहीं पकड़ते हैं, जिसका फायदा नेपाली मोबाइल सिम कंपनियों को मिलता है । लोग इन सिम की सहायता से धड़ल्ले से इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं और फोन पर बातचीत कर रहे हैं। लेकिन अगर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखा जाए तो यह अपने आप में एक बड़ा खतरा है, कई नेपाली टेलीकॉम कंपनियां ऐसी है जो चीन के सहयोग से चलती हैंं, और इस तरह के सिम कार्ड का उपयोग भारतीय सीमा में संवेदनशील और खतरनाक हो सकता है। खुफिया ब्यूरो के एक कर्मी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस बात की जानकारी कई बार संबंधित विभागों को दी गई है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां भारतीय कंपनियों के सिग्नल मजबूत किये जाएंं, इसके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।
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