उत्तराखंड में इंसान के लिए गुलदार से भी खतरनाक हो रहा है भालू, कारण पढ़िए
उत्तराखंड में इंसान पर गुलदार के मुकाबले भालू के हमले बढ़ रहे हैं, इसी रविवार को उत्तरकाशी के चिन्यालीसौर गांव में जंगल में गये एक वयस्क पर भालू ने हमला कर दिया, उसके शोर मचाने और गांव के लोगों के पहुंचने के कारण उस शख्स को बचा लिया गया, उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है । इससे पहले जोशीमठ के आर्मी कैंट में एक कर्नल पर भालू ने हमला कर दिया था, फौज का ये कर्नल शाम के वक्त रूटीन सैर पर निकला था, हमला इतना खतरनाक था कि कर्नल को हैलीकॉप्टर के जरिये सेना के दिल्ली अस्पताल भिजवाना पड़ा । अकेले उत्तरकाशी में ही अप्रैल 2018 के बाद तीन लोगों पर भालू जानलेवा हमला कर चुका है । नवंबर के महीने में लैंसडाउन और केदारनाथ में भालू ने जानवारों पर भी हमला किया था ।
अभी पिछले हफ्ते लैंसडाउन में सवेरे की सैर पर निकली एक लड़की के पीछे भालू हमला करने की नियत से दौड़ने लगा, लड़की ने सड़क से नीचे छलांग लगा दी, जिसमें उसकी दोनों टांगें टूट गयीं, गढ़वाल राइफल के सैनिक जो सवेरे की दौड़ में निकले हुए थे, अगर वो समय पर नहीं पहुंचते तो भालू इस लड़की की जान ले सकता था । खटीमा वन क्षेत्र में भी भालू के हिंसक होने की खबर आयी थी । वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में भालू के लिये आहार कम होने के कारण भालू इंसानों पर हमला कर रहा है, ऊंचाई वाले इलाकों में खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ के कारण भी भालू निचले इलाकों में आ गया है, वहीं नवंबर-दिसंबर का महीना भालू या गुलदार जैसे जानवरों के लिये प्रजनन का होता है और ऐसे में जंगलों में जानवर हिंसक हो जाते हैं, इसलिये इस समय पर विशेष खयाल रखना जरूरी है ।
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