कारगिल से कोरोना तक बोले पीएम मोदी, मन की बात के जरिये देश को किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देशवासियों को संबोधित किया। आइये आपको बताते हैं कि इस मौके पर प्रधानमंत्री ने क्या-क्या महत्वपूर्ण बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि …
1 आज का दिन बहुत खास है, आज ‘कारगिल विजय दिवस’ है, 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था । प्रधानमंत्री ने बहादुर जवानों को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने तब देश को, गाँधी जी के एक मंत्र की याद दिलायी थी, महात्मा गाँधी का मंत्र था कि यदि किसी को कभी कोई दुविधा हो कि उसे क्या करना है और क्या नहीं करना तो उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए। उसे ये सोचना चाहिए कि जो वो करने जा रहा है, उससे, उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी। गाँधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है – ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
2 प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध की परिस्थिति में हम जो बात कहते हैं, करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है, कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना Social Media पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुक्सान करती हैं, कभी-कभी जिज्ञासावश forward करते रहते हैं। आजकल, युद्ध, केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते हैं, देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है और हर एक देशवासी को उसमें अपनी भूमिका तय करनी होती है, हमें भी अपनी भूमिका देश की सीमा पर दुर्गम परिस्तिथियों में लड़ रहे सैनिकों को याद करते हुए तय करनी होगी।
3 प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है, आज हमारे देश में recovery rate अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है, निश्चित रूप से एक भी व्यक्ति को खोना दुखद है, लेकिन भारत अपने लाखों देशवासियों का जीवन बचाने में सफल भी रहा है। पीएम ने आगे कहा कि कोरोना का खतरा टला नहीं है, कई स्थानों पर यह तेजी से फैल रहा है, हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, हमें यह ध्यान रखना है कि कोरोना अब भी उतना ही घातक है, जितना शुरू में था, इसीलिए हमें पूरी सावधानी बरतनी है। एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है तो दूसरी ओर कठोर मेहनत से, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको भी नई ऊँचाई पर ले जाना है।
4 पीएम ने कहा कि अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है, मैं इन दिनों देख रहा हूँ कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं , कई लोग इसे Vocal for local से भी जोड़ रहे हैं और बात भी सही है, हमारे पर्व, हमारे समाज के, हमारे घर के पास ही किसी व्यक्ति का व्यापार बढ़े, उसका भी पर्व खुशहाल हो, तब पर्व का आनंद कुछ और ही हो जाता है। सभी देशवासियों को रक्षाबंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।
5 पीएम ने कहा कि बारिश के मौसम में देश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से भी जूझ रहा है, बिहार, असम जैसे राज्यों के कई क्षेत्रों में तो बाढ़ ने काफी मुश्किलें पैदा की हुई हैं, यानी एक तरफ कोरोना है तो दूसरी तरफ ये एक और चुनौती है, ऐसे में सभी सरकारें, NDRF की टीमें, राज्य की आपदा नियंत्रण टीमें, स्वयं सेवी संस्थाएं, सब एक-साथ मिलकर जुटे हुए हैं, हर तरह से राहत और बचाव के काम कर रहे हैं, इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है।
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