हमले की तैयारी से लेकर इसके सफल होने तक डोभाल की थी पैनी नजर, पढ़िए कैसे हुई थी पाकिस्तान पर हमले की तैयारी
उत्तराखंड के तेज-तर्रार अधिकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की पैनी नजर लगी हुई थी, 14 फरवरी को जब पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हमला हुआ , उसके बाद मोदी सरकार पर इस हमले का बदला लेने के लिए काफी दबाव था, पीएम मोदी ने सेनाओं को खुली छूट दी और उसके बाद शुरू हो गया, पाकिस्तान को मजा चखाने की रणनीति पर विचार विमर्श ।
पीएम मोदी ने एनएसए डोभाल को कार्रवाई करने को कहा और डोभाल की ओर से तीनों सेनाओं को रणनीति बनाने के लिए कहा गया । समय जाया न करते हुए 15 फरवरी को वायुसेना प्रमुख वीरेन्द्र धनोवा ने डोभाल के सामने हवाई हमलों का प्रस्ताव रखा गया । 15 फरवरी को ही डोभाल ने पीएम मोदी को इस विकल्प के बारे में बताया, जिसकी मंजूरी मोदी सरकार ने दे दी ।
16 से 22 फरवरी तक भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बालाकोट स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंपों की जानकारी पेश की, ड्रोन के जरिए सभी जानकारियों को पुख्ता किया गया, 21 फरवरी को एक बार फिर एनएसए डोभाल ने सभी तैयारियों का जायजा लेकर मोदी को जानकारी दी, 22 से 24 फरवरी तक वायुसेना ने मध्य भारत में हमलों का रिहर्सल किया । भठिंडा और आगरा एयरबेस से फाइटर जेट्स ने इस हमे में हिस्सा लिया । उसके बाद मंगलवार तड़के पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में आतंकी कैंप पर हमले किये गए । मंगलवार सवेरे डोभाल ने जाकर इस सफल ऑपरेशन की जानकारी पीएम मोदी को दी ।
इस बदले की कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर देश का राजनीतिक नेतृत्व निर्णायक हो तो भारतीय बलों में कोई कमी नहीं है । वहीं उत्तराखंड के लाल अजीत डोभाल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रणनीतिक कौशल में वो किसी से पीछे नहीं हैं ।
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Mirror News