पीएम मोदी ने उत्तराखंड को दी वंदे भारत एक्सप्रेस रेल की सौगात, कहा देवभूमि विश्व की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र होगी
25 May. 2023. New Delhi/Dehradun. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देहरादून से दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने नव विद्युतीकृत रेल खंडों को भी राष्ट्र को समर्पित किया और उत्तराखंड को 100 प्रतिशत विद्युत कर्षण (ट्रैक्शन) वाला राज्य घोषित किया।
प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए देहरादून और दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के लिए उत्तराखंड के सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि यह ट्रेन देश की राजधानी को उत्तराखंड की देवभूमि से जोड़ेगी। उन्होंने बताया कि दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय और कम हो जाएगा और ट्रेन में उपलब्ध सुविधाएं एक सुखद यात्रा का अनुभव कराएंगी।
प्रधानमंत्री ने जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व भारत की ओर बहुत उम्मीदों के साथ देख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और गरीबी से लड़ने की बात आती है तो भारत विश्व के लिए आशा की किरण बन गया है।” उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के भारत के तरीके और देश में चलाए गए विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि उत्तराखंड जैसे सुंदर राज्यों को आज की स्थिति का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए, जब विश्व भर के लोग भारत आना चाहते हैं। श्री मोदी ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन भी इस अवसर का पूरा लाभ उठाने में उत्तराखंड की सहायता करने जा रही है।
प्रधानमंत्री ने केदारनाथ की अपनी यात्रा को याद किया और अपने बयान को याद किया कि “यह दशक उत्तराखंड का दशक होने जा रहा है।” उन्होंने कानून और व्यवस्था की स्थिति को मजबूत रखते हुए राज्य के विकास को बढ़ावा देने की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि ‘देवभूमि विश्व की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र होगी। उन्होंने कहा कि हमें इस क्षमता को साकार करने के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या पुराने रिकॉर्ड तोड़ती रहती है। उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं, हरिद्वार में कुंभ/अर्धकुंभ और कांवड़ यात्रा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में इतनी संख्या में श्रद्धालु नहीं आते हैं और यह एक उपहार के साथ-साथ एक बड़ा काम भी है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार इस ‘भागीरथ’ कार्य को आसान बनाने के लिए डबल पावर (दोहरी शक्ति) और डबल स्पीड (दोहरी गति) के साथ काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का बल ‘नवरत्न’, विकास के 9 रत्नों पर है। उन्होंने कहा कि पहला रत्न केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में 1300 करोड़ रुपये के जीर्णोंद्धार का काम है। दूसरा, गौरीकुंड-केदारनाथ और गोबिंद घाट-हेमकुंट साहिब में 2500 करोड़ रुपये की रोपवे परियोजना। तीसरा है, मानस खंड मंदिर माला कार्यक्रम के अंतर्गत कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार। चौथा, पूरे राज्य में होमस्टे का प्रचार जहां राज्य में 4000 से अधिक होमस्टे पंजीकृत किए गए हैं। पांचवां, 16 इकोटूरिज्म स्थानों का विकास। छठा, उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार। ऊधमसिंह नगर में एम्स का उप केन्द्र बन रहा है। सातवां, 2000 करोड़ रुपये की टिहरी झील विकास परियोजना। आठवां, हरिद्वार ऋषिकेश को योग और साहसिक पर्यटन की राजधानी के रूप में विकसित करना और अंत में, टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन।
उन्होंने कहा कि इन नवरत्नों को राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक नए सिरे से मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 12,000 करोड़ रुपये की लागत से चार धाम महापरियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे यात्रा को तेज और आसान बना देगा। उन्होंने उत्तराखंड में रोपवे कनेक्टिविटी के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि पर्वत माला परियोजना आने वाले दिनों में राज्य का भाग्य बदलने जा रही है। उन्होंने कहा कि 16,000 करोड़ रुपये की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना 2-3 वर्षों में पूरी हो जाएगी। यह परियोजना उत्तराखंड के एक बड़े हिस्से को सुलभ बनाएगी और निवेश, उद्योग और रोजगार को बढ़ावा देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सहायता से उत्तराखंड पर्यटन, साहसिक पर्यटन, फिल्म शूटिंग स्थल और वेडिंग डेस्टिनेशन के हब के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन स्थल विश्वभर से आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं और वंदे भारत एक्सप्रेस उनके लिए बहुत लाभकारी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रेन से यात्रा करना उन लोगों की पहली पसंद है, जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ होते हैं और वंदे भारत धीरे-धीरे परिवहन का साधन बनता जा रहा है।
“प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत बुनियादी ढांचे की क्षमता को अधिकतम करके विकास की ऊंचाइयों को छू सकता है” और पहले की सरकारें बुनियादी ढांचे के महत्व को नहीं समझ सकीं, जबकि वे भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति में व्यस्त थीं। भले ही भारत में हाई-स्पीड ट्रेनों के संबंध में पिछली सरकारों द्वारा बड़े वादे किए गए थे, प्रधानमंत्री ने कहा कि वे रेल नेटवर्क से मानव रहित फाटकों से मुक्ति पाने में भी विफल रहे, जबकि रेल लाइनों के विद्युतीकरण की स्थिति और भी खराब थी। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 तक देश के रेल नेटवर्क के केवल एक तिहाई हिस्से का विद्युतीकरण किया गया था, जिससे तेजी से चलने वाली ट्रेन के बारे में सोचना असंभव हो गया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “रेलवे को बदलने के लिए चौतरफा काम 2014 के बाद शुरू हुआ।” उन्होंने रेखांकित किया कि देश की पहली हाई-स्पीड ट्रेन के सपने को लागू करने का काम पूरे जोर-शोर से शुरू हुआ, साथ ही सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए पूरे नेटवर्क को भी तैयार किया गया। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले औसतन हर वर्ष 600 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जाता था, जबकि आज हर साल 6 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “आज देश के 90 प्रतिशत से अधिक रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण हो चुका है। उत्तराखंड में पूरे रेल नेटवर्क का शतप्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है।”
प्रधानमंत्री ने विकास कार्यों का श्रेय सही नीयत, नीति और समर्पण को दिया। वर्ष 2014 की तुलना में रेल बजट में वृद्धि से उत्तराखण्ड को सीधा लाभ होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से 5 वर्ष पहले राज्य का औसत बजट 200 करोड़ रुपये से कम था जबकि आज रेल बजट 5 हजार करोड़ रुपये है, जो 25 गुना वृद्धि है। प्रधानमंत्री ने एक पर्वतीय राज्य में कनेक्टिविटी के महत्व पर बल दिया, जहां गांवों के लोग कनेक्टिविटी की कमी के कारण पलायन कर गए और कहा कि सरकार आने वाली पीढ़ियों के लिए उस पीड़ा को रोकना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सीमाओं तक आसान पहुंच में आधुनिक कनेक्टिविटी भी बहुत उपयोगी होगी और राष्ट्र की रक्षा करने वाले सैनिकों को किसी भी तरह से असुविधा नहीं होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि डबल इंजन सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, उत्तराखंड का तेजी से विकास होने से भारत के तीव्र विकास में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, “देश अब रुकने वाला नहीं है, देश ने अब अपनी गति पकड़ ली है। पूरा देश वंदे भारत की गति से आगे बढ़ रहा है और आगे भी आगे बढ़ता रहेगा।”
पृष्ठभूमि
यह उत्तराखंड में प्रारंभ होने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी। विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ यह विशेष रूप से राज्य की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए आरामदायक यात्रा अनुभवों के एक नए युग का प्रारंभ करेगी। ट्रेन स्वदेशी है और कवच तकनीक सहित उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस है। नई वंदे भारत एक्सप्रेस देहरादून से दिल्ली के बीच की दूरी 4.5 घंटे में तय करेगी।
सार्वजनिक परिवहन के स्वच्छ साधन प्रदान करने के प्रधानमंत्री के विजन से निर्देशित भारतीय रेल देश में रेल मार्गों को पूरी तरह से विद्युतीकृत करने की खोज में है। प्रधानमंत्री ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड में नए विद्युतीकृत रेल लाइन खंडों को समर्पित किया। इसके साथ राज्य अपने पूरे रेल मार्ग का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण कर देगा। विद्युतीकृत खंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों के परिणामस्वरूप ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी और ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि उत्तराखण्ड को देहरादून-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस एवं राज्य के समस्त रेल मार्गों को विद्युतीकरण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज देवभूमि उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है, हम सभी को इसका साक्षी बनने का मौका मिल रहा है, यह हमारा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के उत्तराखंड के प्रति विशेष प्रेम का ही प्रतिफल है कि आज से महज साढ़े चार घन्टे में देहरादून से दिल्ली का सफर पूरा होगा। नये युग की रेल सेवा वंदे भारत एक्सप्रेस प्रधानमंत्री जी के प्रगतिशील और आत्मनिर्भर भारत के विजन का साक्षात उदाहरण है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की तरफ बढ़ रहे हैं। स्वदेश में निर्मित भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत उभरते हुए भारत की बुलंद तस्वीर को प्रदर्शित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व के अधिकतर देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में हमारा देश लगातार विकास के पथ पर बढ़ रहा है और भारत पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। पहाड़ में रेल चलने का सपना उत्तराखंड का हर बच्चा देखा करता था। उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। सड़क, रेल, हेली सेवा और रोपवे सेवा के माध्यम से प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
देवभूमि उत्तराखंड में वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ, आज सौभाग्य का दिन है: रेल मंत्री
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज सौभाग्य का दिन है देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए एक अत्याधुनिक ट्रेन वंदे भारत की सौगात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई है। इस पवित्र भूमि के लिए 10 साल पहले जब रेलवे के विकास की बात आती थी तो केन्द्र सरकार की ओर से इसके लिए मात्र 187 करोड़ रूपये मिलते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखण्ड को इस साल रेलवे के विकास के लिए 05 हजार करोड़ रूपये की धनराशि दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से भावनात्मक जुड़ाव है। उनके मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में अनेक बड़ी परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। 5 जी की सुविधा, फाइबर कनेक्टिविटी के विस्तार, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन जिसमें 125 किमी में से 104 किमी टनल है पर कार्य हो रहा है।
साढ़े चार घंटे में पहुँच सकेंगे दिल्ली
वंदे भारत एक्सप्रेस देहरादून से दिल्ली की दूरी 04ः30 घंटे में पूरा करेगी, ट्रेन सप्ताह में 6 दिन (बुधवार को छोड़कर) चलेगी। देहरादून से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस हरिद्वार, रूड़की, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर एवं मेरठ स्टेशनों पर रूकेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, खजान दास, दीवान सिंह बिष्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु उपस्थित थे।
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